Monday, January 9

दीपक राजा को गौरव गाथा पुरस्कार

पत्रकार दीपक “राजा” को गौरव गाथा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित गैर सरकारी संस्था रक्षक फाउंडेशन ने उनकी कविता “पूछ रहा है देश का बचपन” के लिए प्रदान किया है। रक्षक फाउंडेशन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देशभक्ति पर आधारित काव्य प्रतियोगिता “गौरव गाथा” के नाम से आयोजित की। प्रतियोगिता भारतीय, प्रवासी भारतीय आैर भारतीय मूल के लोगों के लिए आयोजित था। प्रतियोगिता की साहित्य सहयोगी संस्था “कविता कोश” है।रक्षक फाउंडेशन प्रति वर्ष यह प्रतियोगिता देशभक्ति पर आधारित “गौरव गाथा” के नाम से आयोजित करता है। वर्ष 2011 के गौरव गाथा प्रतियोगिता में 173 कविताओं को शामिल किया गया था। चयनकर्ताओं ने दीपक राजा की कविता ‘पूछ रहा है देश का बचपन के लिए’ गौरव गाथा पुरस्कार से सम्मानित किया है।पत्रकार दीपक राजा ने वर्ष 2006 में मुम्बई में लोकल ट्रेनों में हुए बम धमाकों से व्यथित होकर पूछ रहा है देश का बचपन/ राह दिखाने वालों से/ दशा देश की ऐसी क्यूं/ क्यों हो, तुम मतवाले से? कविता की रचना की।




परिचय : दीपक कुमार उर्फ राजा का बचपन नक्सल प्रभावित जमुई जनपद के केशोपुर कस्बे में गुजरा। बिहार दसवीं बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए वैद्यनाथधाम देवघर, पटना फिर देश की राजधानी दिल्ली पहुंचे। दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद कई क्षेत्रीय अखबारों से जुड़े रहे। वर्तमान में राष्ट्रीय सहारा हिन्दी दैनिक दिल्ली में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कविता लेखन की रूचि उन्हें बचपन से है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पत्रकारिता की पढ़ाई करने के दौरान उनकी कविता को पहली बार मान्यता मिली। हिन्दी अकादमी दिल्ली के तत्वावधान में कॉलेज स्तरीय आशुलेखन प्रतियोगिता में “नदी के प्रदूषण” विषय पर “नदी -मेरी मां” कविता पर उन्हें सांत्वना पुरस्कार मिला। “तेरे बरख्श जिंदगी” के नाम से कविता पांडुलिपी हिन्दी अकादमी दिल्ली के पास विचाराधीन है।

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