Tuesday, May 31

राजस्थान लोक सेवा आयोग में कनिष्ठ लिपिक संयुक्त परीक्षा 2011


राजस्थान लोक सेवा आयोग में कनिष्ठ लिपिक संयुक्त परीक्षा २०११

राजस्थान के शासन सचिवालय और आयोग कार्यालय के लिए कनिष्ठ लिपिक पद की नियुक्ति जल्द ही होने वाली है। आरपीएससी कार्यालय के लिए 25 और शासन सचिवालय के लिए 325 पद हैं। राजस्थान छोड़ कर अन्य प्रदेश के उम्मीदवारों को आरक्षण कोटे का लाभ नहीं मिलेगा। आयोग कार्यालय में सामान्य वर्ग के लिए 14 पद हैं जिनमें सामान्य वर्ग की महिला के चार पद आरक्षित हैं। शासन सचिवालय के 325 पदों में से 162 पद सामान्य वर्ग के लिए है, जबकि 162 में से 32 पद सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हैं

चयन प्रक्रिया

चयन प्रक्रिया दो चरण में है। पहले चरण में लिखित परीक्षा और दूसरे चरण में हिन्दी और अंग्रेजी में टंकण क्षमता को परखा जाएगा।

लिखित परीक्षा

एक ही दिन तीन-तीन घंटों के दो सत्रों में वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। पहले सत्र में सौ अंकों का प्रश्नपत्र होगा, इसमें सामान्य ज्ञान, दैनिक विज्ञान और गणित संबंधित प्रश्न होंगे। दूसरे सत्र में भी सौ अंकों का प्रश्नपत्र होगा, इसमें सामान्य हिन्दी और अंग्रेजी संबंधी प्रश्न पूछे जाएंगे। लिखित परीक्षा में सफल होने के लिए अभ्यर्थी को न्यूनतम 40 फीसद अंक लाना अनिवार्य है।

टाइपिंग टेस्ट

कम्प्यूटर पर हिन्दी और अंग्रेजी का टाइपिंग टेस्ट लिया जाएगा। टाइपिंग के लिए दस मिनट गति परीक्षण और दस मिनट दक्षता परीक्षण के लिए समय निर्धारित है। दोनों भाषा में टाइपिंग के लिए पचास-पचास अंक निर्धारित है।

महत्वपूर्ण बात

दोनों चरण से प्राप्त अंक के आधार पर प्रत्येक वर्ग की अलग- अलग मेधावी सूची बनाई जाएगी।उसके बाद टॉप लेवल के मेधावी उम्मीदवारों का चयन अस्थायी रूप से किया जाएगा।

आवेदन के आधार पर प्रमाणपत्रों की जांच के बाद गलत पाए जाने वाले अभ्यर्थी की नियुक्ति रद्द की जा सकती है।

रणनीति

  • लिखित परीक्षा में सामान्य ज्ञान और दैनिक विज्ञान की तैयारी के लिए प्रतियोगिता पत्रिकाओं के साथ-साथ दैनिक समाचारपत्र जरूर पढ़ें।
  • राजस्थान से संबंधित तमाम जानकारियों पर जरूर अपनी पकड़ मजबूत करें।
  • अभ्यर्थी अगर बारहवीं तक की एनसीईआरटी की पुस्तकों को रिवाइज कर ले तो सामान्य ज्ञान और विज्ञान के प्रश्नों को हल करना काफी सुविधाजनक हो जाएगा। साथ ही राजस्थान सरकार द्वारा जारी तमाम आंकड़ों के साथ जानकारियों पर नजर रखना आवश्यक है। कब कौन-से मेले लगते हैं। कौन-से राजा कहां हुए थे और कहां शासन था, इन मामलों में बारीक जानकारी आपके मार्क्‍स को बढ़ाने में कारगर साबित होगा।
  • मैथ के सवालों में ज्यादातर अंकगणित के प्रश्न होंगे, इसके लिए भी जरूरी है कि नियमित अभ्यास करें।
  • पढ़ने के लिए समय को सामान्य ज्ञान, विज्ञान और मैथ के लिए अलग-अलग भागों में बांटकर रूटीन बनाएं।
  • प्रत्येक प्रश्नों की प्रकृति अलग-अलग हो सकती है, अभ्यास करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है।
  • लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद टाइपिंग टेस्ट में अच्छे अंक लाना जरूरी है।
  • मेधावी सूची बनाते समय इसके प्राप्तांक को भी जोड़ा जाता है।
  • टाइपिंग टेस्ट के लिए आने वाले अभ्यर्थियों को अपना कम्प्यूटर, पेन और पेंसिल लाना अनिवार्य है।

दीपक राजा

Tuesday, May 24

S B I पीओ के 1030 पदों के लिए आवेदन



S B I पीओ

बैंकिंग सेक्टर अरसे से लोगों को लुभाता रहा है। यही कारण है कि बैंकों की छोटे पोस्ट से लेकर बड़े पोस्ट तक की भर्ती के लिए हजारों अभ्यर्थी आवेदन करते हैं। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने प्रोबेशनरी ऑफिसर (पीओ) के 1030 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किया है। सुरक्षित करियर के लिहाज से यह बेहतर विकल्प है

चयन प्रक्रिया

यह दो फेज में है। पहले फेज में लिखित परीक्षा होगी। इसमें उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को दूसरे फेज के लिए बुलाया जाएगा। इसमें ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू होगा। दोनों फेज में उत्तीर्ण होने के बाद अंतिम मेधावी सूची जारी होगी।

फेज एक: लिखित परीक्षा

ढाई सौ अंकों की संयुक्त रूप से लिखित परीक्षा के लिए तीन घंटे का समय निर्धारित किया गया है। इसमें दो सौ अंकों के ऑब्जेक्टिव और पचास अंकों के डिसक्रिप्टिव टाइप के प्रश्न पूछे जाएंगे।

ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों में टेस्ट ऑफ इंग्लिश लैंग्वेज के तहत अंग्रेजी ग्रामर, शब्द भंडार और कम्प्रेहेंसन के अलावा टेस्ट ऑफ जनरल अवेयरनेस के तहत सामान्य ज्ञान, मार्केटिंग और कम्प्यूटर्स, डाटा एनालिसिस एंड एंटरप्रिटेशन, उच्चस्तरीय रीजनिंग के प्रश्न होंगे। इसके लिए दो घंटे का समय निर्धारित है।

डिसक्रिप्टिव टाइप प्रश्नों में इंग्लिश लैंग्वेज को परखा जाएगा। इसके तहत कॉम्प्रिेहेंसन, शॉर्ट प्रेसी (संक्षेपन), लेटर राइटिंग और एसे से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके लिए एक घंटे का समय निर्धारित है।

ऑब्जेक्टिव टाइप की परीक्षा में कम से कम 40 फीसद यानि 80 अंक लाना जरूरी है। जिस अभ्यर्थी का इससे कम अंक आएगा, डिसक्रिप्टिव परीक्षा की कॉपी की जांच नहीं की जाएगी।

डिसक्रिप्टिव परीक्षा में भी उत्तीर्ण होने के लिए कम से कम 40 फीसद अंक लाना अनिवार्य है। एससी, एसटी और विकलांगों के लिए पांच फीसद की रियायत दी गई है।

लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेधावी सूची बनाई जाती है। उसके आधार पर प्रत्येक कोटे के रिक्त पदों की संख्या के तीन गुणो अभ्यर्थियों को ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।

फेज दो : ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू

ग्रुप डिस्कशन एक सामूहिक वार्तालाप है। इसके माध्यम से किसी एक टॉपिक पर अभ्यर्थी के विचार जानने की कोशिश की जाती है। इसके माध्यम से बोलने का तरीका, शारीरिक हाव-भाव को परखा जाता है। इसमें चार या पांच अभ्यर्थियों का ग्रुप होता है। ग्रुप डिस्कशन में बेहतर करने के लिए जरूरी है कि पहले विषय को अच्छी तरह समझें और ग्रुप में अन्य अभ्यर्थी जो उत्तर दे रहे हैं। उससे अलग और तार्किक उत्तर देने की कोशिश करें। विषय से भटकाव से बचें।

इंटरव्यू के माध्यम से अभ्यर्थी के व्यक्तित्व को परखा जाता है। ग्रुप डिस्कशन के लिए बीस और इंटरव्यू के लिए तीस अंक निर्धारित किया गया है। पचास अंकों का ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू में अभ्यर्थियों को न्यूनतम 40 फीसद अंक लाना अनिवार्य है जबकि एससी, एसटी और विकलांगों के लिए 35 फीसद।

फाइनल सेलेक्शन

दोनों फेज में अलग-अलग उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों के प्राप्तांकों को जोड़कर अंतरिम सूची बनाई जाएगी।

रणनीति

  • प्रश्नों के पैटर्न को समझने के लिए बैंकों में पूछे गए दस वर्षो के प्रश्नों को हल करने की कोशिश करें।
  • प्रत्येक प्रश्नों की प्रकृति अलग-अलग होती है, अभ्यास करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है।
  • ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों को तेजी से सही-सही हल करना होता है। इसके लिए नियमित अभ्यास करें।
  • ऑब्जेक्टिव टाइप परीक्षा के सभी खंडों पर बराबर ध्यान देना जरूरी है।
  • रीजनिंग और न्यूमेरिकल के लिए विश्वसनीय पुस्तक पढ़ने के साथ-साथ पत्रिकाओं की मदद से प्रैक्टिस सेट बनाएं।
  • अंग्रेजी की तैयारी के लिए ग्रामर, सिनोनिम्स और एंटोनिम्स पढ़ना जरूरी है।

फ़िल्म बनाकर देश का करोड़ों रुपये एकता कपूर ने करा दिया बर्बाद


एकता कपूर बड़े परदे पर हाथ आजमाई और फ़िल्म बनाई रागिनी एमएमएस. फ़िल्म को सेंसर बोर्ड ने ग्रेड दिया 'ए'. नाम देखकर ऐसा लगा कि फ़िल्म में ब्लर ही सही कुछ न कुछ दिखाया जायेगा, ज्यादातर दर्शक यही सोचकर फिल्म देखने गए. मैं भी सिनेमा देखने गया, पत्नी के साथ. पूरी फ़िल्म देखी.

फ़िल्म देखे एक सप्ताह होने को है. सोचते सोचते परेशान होकर सोचना छोड़ दिया कि एकता कपूर ने क्या सोचकर फ़िल्म बनाई और लोगों को फ़िल्म के माध्यम से क्या मैसेज देना चाहती है. फ़िल्म में भूत और एमएमएस को मिलाने का जो फार्मूला उन्होंने लगाया वो मुझे समझ में आ गया. एक कहावत है शादी के लड्डू जो खाए सो पछताए जो न खाए वो ललचाये, फ़िल्म भी वैसे ही है न देखो तो मन ललचाये और देख लो तो पछताना पड़ेगा.

फ़िल्म देखने के बाद ऐसा लगा कि मैंने पैसा और समय ही बर्बाद ही नहीं किया बल्कि अपने दिमाग का बेजा इस्तेमाल कर लिया. काश दिमाग कहीं और लगाया होता तो कुछ न कुछ तो अच्छी बात होती ही.

देश में १२००० एकल पर्दा है और ७०० से ज्यादा मल्टीप्लेक्स हैं, एक एक सप्ताह करके भी अगर सभी पर्दों पर रागिनी एमएमएस दिखलाया जायेगा तो न जाने कितना पैसा, समय और दिमाग फिजूलखर्च में बर्बाद हो जायेगा. इसका अंदाजा एकता कपूर को क्यूँ नहीं है. ये फ़िल्म बनाकर देश का करोड़ों रुपये एकता कपूर ने बर्बाद करा दिया. काश छोटे परदे वाला दिमाग यहाँ न लगाई होती!

Tuesday, May 17

आरपीएफ में उप निरीक्षक


रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) में उप निरीक्षक बनकर भारतीय रेलवे की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जा सकती है। आरपीएफ ने उप निरीक्षक के 511 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किये हैं, जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 311, पिछड़ा वर्ग के लिए 91, एससी के लिए 69 और एसटी के लिए 40 पद हैं। कुल पदों का 10 फीसद महिलाओं और 10 फीसद भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित है। आवेदन की आखिरी तारीख 6 जून, 2011 है।

अर्हताएं

शैक्षणिक योग्यता और उम्र

उम्मीदवार मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक या उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण हो, उसका जन्म एक जुलाई 1986 से पहले और एक जुलाई, 1991 के बाद का न हो यानि उम्र 20 से 25 साल के बीच होनी चाहिए। आरक्षण नियमों के अनुसार उम्र में रियायत दी जाएगी। मैट्रिक या उसके समकक्ष प्रमाणपत्र में उल्लेखित आयु को ही मान्यता दी जाएगी। शारीरिक मापदंड सामान्य और पिछड़ा वर्ग के लिए व्यक्ति की लम्बाई 165 सेमी। और सीना (बिना फुलाये) 80 सेमी., पर्वतीय क्षेत्र के लोगों के लिए लंबाई 163 और सीना 80 जबकि एससी/ एसटी के लिए 160 और 76.2 होना जरूरी है। सीना फुलाने के बाद सीने की चौड़ाई में पांच सेमी. की बढ़ोत्तरी होना चाहिए। सभी वर्ग की महिलाओं को लंबाई में आठ सेमी की छूट दी गयी है।

चयन प्रक्रिया

लिखित परीक्षा इसमें एक पेपर होगा जो तीन भागों में बंटा है- 1. सामान्य ज्ञान (50 अंक), 2. अंकगणति (35 अंक) और 3. सामान्य बुद्धिमता एवं तर्कशक्ति परीक्षण (35 अंक)।

सामान्य ज्ञान इस भाग में आस-पास मौजूदा परिवेश, वर्तमान घटनाओं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण, इतिहास, कला और संस्कृति, भूगोल, भारतीय संविधान, खेलकूद आदि विषयों संबंधी प्रश्न पूछे जाएंगे।

अंकगणित इसमें पूर्ण अंकों, दशमलव और भिन्न की गणना, अनुपात, समानुपात, साधारण ब्याज, चक्रवृद्धि ब्याज, लाभ-हानि, छूट, तालिका, ग्राफ, समय और दूरी आदि चैप्टर से 35 प्रश्न पूछे जाएंगे।

सामान्य बुद्धिमता एवं तर्कशक्ति परीक्षण इसमें शाब्दिक और अशाब्दिक दोनों तरह के प्रश्न पूछे जाएंगे। इस भाग में समानता और अन्तर, विजुअल मेमोरी, कोडिंग, डिकोडिंग, तर्क आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। लिखित परीक्षा में 120 बहु-वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएंगे और उसका पूर्णाक भी 120 अंकों का होगा। प्रत्येक सही उत्तर के लिए एक अंक दिए जाएंगे जबकि गलत उत्तर देने पर 0.25 अंक काट लिया जाएगा। लिखित परीक्षा पास करने के लिए अभ्यर्थी को कम से कम 40 फीसद अंक लाना जरूरी है। एससी और एसटी को पांच फीसद की छूट है।

शारीरिक दक्षता और नाप-जोख परीक्षा

लिखित परीक्षा में केवल उत्तीर्ण उम्मीदवारों को वरीयता के अनुसार इसके लिए बुलाया जाएगा। शारीरिक दक्षता के लिए 1600 मीटर की दौड़ 6 मिनट और 30 सेकेन्ड में पूरा करना, 100 मीटर की दौड 16 सेकेन्ड में, 1.2 मीटर की ऊंची कूद, 3.65 मीटर लंबी कूद और 16 पौंड का गोला 4.5 मीटर तक फेंकना शामिल है, हालांकि दौड़ में सफल होने वाले उम्मीदवारों को ही अन्य स्पर्धाओं में भाग लेने दिया जाएगा।

मौखिक परीक्षा और र्सटििफकेट जांच

शारीरिक दक्षता में सफल होने के बाद मौखिक परीक्षा और र्सटििफकेट जांच के लिए बुलाया जाएगा। मौखिक परीक्षा का उद्देश्य आवेदक की सामान्य जागरूकता, विचारों की प्रस्तुति, व्यक्तित्व, अभिव्यक्ति को परखना है। मौखिक परीक्षा 15 अंक की है, इसमें पांच अंक बोनस का भी शामिल है। अधिमान अंक में दो अंक एनसीसी कैडेट और तीन अंक खेलकूद कोटे से है।

मेडिकल चेकअप

मौखिक परीक्षा के लिए आये उम्मीदवारों का मेडिकल चेकअप भी होगा। इसके बाद अंतिम मेधावी सूची बनाई जाएगी।

रणनीति

उप निरीक्षक के लिए स्नातक स्तर की लिखित परीक्षा है, इसलिए स्नातक स्तर के अनुसार अपनी रणनीति बनानी होगी। इसमें निगेटिव मार्किग है इसलिए उत्तर देते समय इसका ध्यान रखना होगा।

प्रत्येक चार गलत उत्तर होने पर एक अंक काट लिया जाएगा।

लिखित परीक्षा के साथ-साथ शारीरिक दक्षता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, इसके लिए नियमित अभ्यास की जरूरत है।


दीपक राजा

Sunday, May 15

स्पेशल क्लास रेलवे प्रशिक्षण


रेलवे में मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में काम करने के इच्छुक उम्मीदवारों को स्पेशल क्लास रेलवे अपरेंटिसशिप (एससीआरए) के तहत चार साल मैकेनिकल इंजीनियरिंग का प्रशिक्षण लेना जरूरी है। इसके लिए यूपीएससी दो साल में एक बार परीक्षा आयोजित करती है। सफल उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के दौरान वजीफा दिया जाता है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सफल उम्मीदवारों को मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री दी जाती है जो अखिल भारतीय परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त है।

चयन-प्रक्रिया

एससीआरए की चयन-प्रक्रिया दो भागों में बंटी हुई है। पहले भाग में लिखित परीक्षा है जो 600 अंकों की है। दूसरे भाग में पर्सनालिटी टेस्ट है, यह दो सौ अंकों का है। लिखित परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवार को ही पर्सनालिटी टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। मे रिट लिस्ट लिखित परीक्षा और पर्सनालिटी टेस्ट के आए अंकों को जोड़कर बनाया जाता है।

लिखित परीक्षा

लिखित परीक्षा को तीन विषयों में बांटा गया है। पहला पेपर सामान्य योग्यता परीक्षा, दूसरे में भौतिकी और तीसरे विषय के रूप में गणित की परीक्षा ली जाती है। तीनों विषयों का पूर्णाक दो-दो सौ अंकों है जबकि इसके लिए निर्धारित समय दो-दो घंटे दिए गए हैं। एक ही दिन में तीन सत्रों के माध्यम से तीनों विषयों की परीक्षा होती है।

पेपर 1 सामान्य योग्यता परीक्षा :

इस पेपर में सामान्य अंग्रेजी, सामान्य ज्ञान और मनोविज्ञान के संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके माध्यम से अंग्रेजी भाषा की समझ, सामान्य ज्ञान के माध्यम से अपने आस-पास के बदलाव और सामाजिक परिवेश की जानकारी के साथ-साथ इतिहास, भारतीय संविधान आदि की समझ के साथ-साथ तर्क और मैकेनिकल एप्टीटय़ूट को परखना है।

पेपर 2 भौतिकी :

इसमें भौतिकी और रसायन विज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। भौतिकी में मेजरमेंट ऑफ टाइम एंड मास, न्यूटन के नियम, वेग, तरंग, आयतन, दबाव, बल, तापमान, चुम्बकत्व, अल्फा, बीटा, गामा आदि से संबंधित प्रश्न होते हैं। परीक्षा की ता रसायन विज्ञान में भौतिक-रसायन के तहत परमाणु संरचना क्वांटम थ्योरी रासायनिक प्रतिक्रिया से ऊर्जा परिवर्तन, रेडियो एक्टिविटी आदि, अकार्बनिक रसायन के तहत हाइड्रोजन तालिका, सोडियम हाइड्र ॉक्साइड के तत्व, जिप्सम, प्लास्टर ऑफ पेरिस, को यला, फिटकिरी, सल्फर आदि, जबकि कार्बनिक रसायन के तहत कार्बन की प्रकृ ति, एरोमेटिक हाइड्रो- कार्बन, पॉलीमर अमिनो एसिड और प्रोटीन आदि संबंधित प्रश्न होंगे।

पेपर 3 गणित विज्ञान :

इसमें बीज गणित, त्रिकोणमिति, ज्यामिति, कैलकुलस व डिफ्रेंशियल इक्वेशन, वे क्टर्स, सांख्यिकी और संभावना आदि अध्यायों से प्रश्न पूछे जाते हैं।

ध्यान देने योग्य बातें

प्रश्नपत्रों का सेट केवल अंग्रेजी में होगा। प्रश्नों का स्तर सीनियर सेकेंडरी है। लिखित परीक्षा के सभी विषयों के प्रश्न बहुवैकल्पिक हैं। प्रश्नों के उत्तर देते समय थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि गलत प्रश्नों के उत्तर देने पर निगेटिव मार्किग है। जरूरत पड़ने पर भौतिकी के प्रश्नपत्र के साथ संलग्न एसआई यूनिट का इस्तेमाल किया जा सकता है। कैलकुलेटर आदि के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है।

Saturday, May 14

अलगाव कि आशंका में जी रहे लोगों के लिए एक सबक है अनुराधा.

प्यार, दुलार और लगाव एक स्तर तक ठीक है लेकिन अलगाव की आशंका में अगर जीवन खतरे में पड़ जाये, ऐसा लगाव ठीक नहीं है. स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि किसी से भी उतना लगाव नहीं रखना चाहिए कि जब उससे अलग होना पड़े तो जीवन बोझ लगाने लगे. कम्पनी का बैलंस शीत तैयार्र करने वाली चार्टेड एकाउटेंट अनुराधा इस बात को नहीं समझ पाई. अलगाव कि आशंका में जी रहे लोगों के लिए एक सबक है अनुराधा.

आदमी का स्वभाव है जुड़ना और जोड़ना. आदमी कभी अकेला रहना नहीं चाहता है. क्यूंकि अकेलापन आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन है. इसी स्वभाव को समझते हुए इतिहास के पिता कहलाने वाले अरस्तु ने कहा कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है. जोड़ने और जुड़े रहने की प्रव्रत्ति असुरक्षा की भावना से आती है. इसे हम सब शिद्दत से महसूस भी करते हैं. इस बात को गोस्वामी तुलसी दास ने भी अनुभव किया है. तभी उन्होंने रामचरित मानस में लिखा है ,'भय बिनु प्रीत न होई गोसाईं'.

आदमी का स्वभाव जुड़ने और जोड़ने की प्रव्रत्ति का एक दूसरा पहलु भी है. वह है अलगाव कि आशंका. अलगाव की आशंका जहाँ बलवती हुए नहीं की शुरू हो जाती है जोड़ने और जोड़े रहने की कवायद. आदमी यहीं मत खा जाता है और दूसरे के साथ जबरदस्ती करने लगता है. कहाँ तो जबरदस्ती कर रहे हैं जोड़ने की, लेकिन यहाँ उल्टा होने लग जाता है. वह समझ नहीं पता है कि जबरदस्ती का जुडाव अधिक दिनों का नहीं होता. मन मुटाव पैदा होने लगता है जो धीरे धीरे सम्बंदों में कटुता लाता है. इसी कटुता से रिश्ते दरकने लगते हैं और आहिस्ते आहिस्ते रिश्ते टूट जाते हैं. कहाँ तो चले तो रिश्ते सदा के लिए बरकरार रखने के लिए और आ पहुंचें अलगाव पर.
अलगाव जीवन में अवसाद भरता है. आदमी का सामाजिक दायरा सिमित कर देता है. सामाजिक दायरा ख़त्म होते ही आदमी एकाकी जीवन जीने लग जाता है ... और यह सब एक दिन जानलेवा साबित होता है.

नॉएडा के सेक्टर २९ में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. दो बहनें आठ महीनों से खुद को अँधेरे में कैद कर ली थी. पुलिस की मदद से सामाजिक कार्यकर्त्ता दोनों बहनों अनुराधा और सोनाली को बाहर निकाला गया. दोनों की हालत बहुत ख़राब थी, कैलाश अस्पताल में भरती कराया गया. आठ महीनों से अँधेरे में कैद रहने वाली अनुराधा को डाक्टर मौत से बचा नहीं सके. दो दिन के उजाले में अनुराधा चल बसी. सोनाली उपचाराधीन है, हालत में सुधार है.

दोनों बहनें पढ़ी लिखी थी, अपना भला बूरा अच्छी तरह समझती थी. १९९२ में पिता की मौत और १९९५ में माता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. खुद शादी नहीं की लेकिन छोटे भाई को पढाया और शादी कराई. शादी के बाद भाई बहनों से अलग रहना चाहने लगा, यहाँ तक की अलग हो गया. अलग होने की वजह भाई की पत्नी, संपत्ति या कुछ और ये अभी पता नहीं. लेकिन इतना तो तय है कि भाई के अलग होने के बाद अनुराधा खुद को अपने आप में सिमट गयी और खुद को दुनिया से सदा के लिए अलग कर लिया.

Thursday, May 5

सेना में अध्यापन के मौके

युवाओं को भारतीय थल सेना के शिक्षा कोर में वर्ग एक्स और वाई में हवलदार शिक्षक के रूप में बहाली की जा रही है। इसमें आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 मई है। सेना शिक्षा कोर में पढ़ाने के इच्छुक पुरुष उम्मीदवार नजदीकी सेना भर्ती कार्यालय को अपना आवेदन भेज सकते हैं। हवलदार शिक्षकों के कुल पद 178 में से साइंस के लिए 110 और आर्ट्स वालों के लिए 68 पद हैं।

अर्हताएं

इच्छुक पुरुष उम्मीदवार की उम्र कम से कम 20 वर्ष और अधिकतम 25 वर्ष होनी चाहिए। एक्स ‘वर्ग’ के लिए बीए/बीएससी/बीसीए के साथ बीएड या फिर एमए/ एमसीए की डिग्री होनी चाहिए। वर्ग ‘वाई’ के लिए मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में बीए/बीएससी/बीसीए उत्तीर्ण हों।

शारीरिक मापदंड

एक सामान्य सैनिक के लिए जो शारीरिक मापदंड निर्धारित है, वही मापदंड इसके लिए भी हैं। निर्धारित मापदंड सेना भर्ती कार्यालयों के अलग-अलग हैं।

चयन

सेना भर्ती कार्यालय अपनी सुविधा के मुताबिक निर्धारित तिथि को प्रारंभिक जांच के लिए उम्मीदवारों को बुलाएगी। यह तीन चरणों में होगी। पहले चरण में उम्मीदवारों के मूल प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी और दूसरे चरण में शारीरिक फिटनेस परखा जाएगा। इसके लिए एक मील की दौड़ को अधिकतम छह मिनट 20 सेकेंड में पूरा करना, कम-से-कम छह बार पुलअप (बीम) करना, नौ फीट की लंबी-कूद आदि करके दिखाना होगा। इसके बाद मेडिकल जांच होगी।

प्रारंभिक जांच के बाद चयनित उम्मीदवारों की लिखित परीक्षा होगी जो 31 जुलाई को निर्धारित की गई है। लिखित परीक्षा तीन घंटे की है, जिसे तीन भागों में बांटा गया है, दो कम दो सेक्शनों के प्रश्न हल करना जरूरी है। प्रत्येक सेक्शन का पूर्णाक 25 और न्यूनतम पास मार्क दस निर्धारित किया गया है।

लिखित परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों को टीचिंग एप्टीटय़ूट टेस्ट और इंटरव्यू के लिए मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में एईसी ट्रेनिंग कॉलेज में बुलाया जाएगा। लिखित परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए आने- जाने का यात्रा भत्ता दिया जाएगा और इंटरव्यू के दौरान रहने और खाने की व्यवस्था सेना भर्ती कार्यालय द्वारा की जाएगी। इसके बाद मेधावी सूची बनाकर सफल उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। मेधावी सूची बनाते समय लिखित परीक्षा और इंटरव्यू दोनों के प्राप्तांक को जोड़ा जाता है। सफल उम्मीदवारों की एक साल की ट्रेनिंग पचमढ़ी में ही होगी। उसके बाद उनकी प्रतिनियुक्ति दे दी जाएगी।

रणनीति

सफल होने के लिए उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ फिजिकल फिटनेस पर भी ध्यान देना होगा। इसके लिए नियमित दौड़, लंबी-कूद, पुल अप आदि का अभ्यास करना बहुत जरूरी है। शारीरिक मापदंड और फिटनेस का पूरे देश में क्षेत्र के आधार पर थोड़ा अंतर है। सम्पूर्ण जानकारी के लिए नजदीकी सेना भर्ती कार्यालय से पता कर सकते हैं। लिखित परीक्षा का पहला भाग सभी उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य है, इसके लिए गाइड, समाचार पत्र, समसामयिक पत्रिकाओं से काफी मदद मिलेगी। दूसरा भाग साइंस वालों के लिए अनिवार्य है, इसके पांच सेक्शनों में से दो सेक्शन को हल करना है। इसके लिए स्नातक स्तर की पढ़ाई को फिर से अभ्यास करने से जरूरत है। तीसरा भाग आर्ट्स वालों के लिए अनिवार्य है। इसे चार सेक्शनों में बांटा गया है और इसके केवल दो सेक्शनों को हल करना है। यहां भी उम्मीदवारों को अपने स्नातक स्तर की पुस्तकों को एक बार फिर से खंगालने की जरूरत है।