एक कण
नदी के सहारे
लुढ़कते हुए
कर सकता है
संसार गमन।
एक कण
हवा के सहारे
उड़ते हुए
उड़ते हुए
कर सकता है
विश्व भ्रमण।
विश्व भ्रमण।
एक कण
देत्यों के आगे
आँखों में जा
करा सकता है
क्रूर क्रंदन।
एक कण
जिसका वजूद
राह के बड़े
पत्थर ही नहीं
विश्वात्मा बना
हिमालय से
जूडा है।