Thursday, February 10

जिद्द

अन्धेरे मॅ उजाले फैलाने की जिद्द है
समन्दर मॅ नदी बिछाने की जिद्द है
कोई क्यॉ न हो मुझसे कितना ही दूर
उसके दिल मॅ उतर आने की जिद्द है

-दीपक राजा

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