न दवात बदली है
न बदला है
स्याही का रंग
उसमें आज भी
बाकी है गीलापन।
न बदला है
स्याही का रंग
उसमें आज भी
बाकी है गीलापन।
कागज में आज भी
ताकत है उकेरे रखने की
हूबहू शब्दशः
रात को रात
दिन को दिन।
ताकत है उकेरे रखने की
हूबहू शब्दशः
रात को रात
दिन को दिन।
टोपी मत पहनाओ
न मढ़ो आरोप
दोष नहीं साधन की
कलम में आज भी
शेष है उसका पैनापन।
न मढ़ो आरोप
दोष नहीं साधन की
कलम में आज भी
शेष है उसका पैनापन।
तलवार की तरह कलम को
जकड़ने वाले हाथों की पकड़
ढीली हो गई, ये ढीलापन दोष नहीं
हाथों में लगे मलाई का कमाल है
ओहदेदार मठाधीशों के।
जकड़ने वाले हाथों की पकड़
ढीली हो गई, ये ढीलापन दोष नहीं
हाथों में लगे मलाई का कमाल है
ओहदेदार मठाधीशों के।
दीपक राजा
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