Friday, June 13

नन्हा हाथ

एक साल का बेटा
चाँद देख मुसकाता है
कुछ कहने को मुझसे
वह अभी हकलाता है ।

संप्रेषण
छोटी आँखों से कर जाता है
दिल्ली आते रूखसत को
उसने नन्हें हाथो से
मेरा सर सहलाया है
औलाद होकर भी
वालिद सा प्यार जताया है।

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