निजी चैनल के एक इंटरव्यू में ‘विवादों की रानी’ के नाम से विख्यात आइटम गर्ल राखी सावंत ने कहा है कि लोग पसंद करें या नापसंद करें पर मुझे देखते सभी हैं। वैलेंटाइन डे के साथ भी कुछ ऐसा ही है। श्रीराम सेना, शिव सेना, बजरंग दल जैसे तमाम संगठन और उसके कार्यकर्ता चाहे जितना चिल्लम पो मचा लें, लेकिन सच यही है कि वैलेंटाइन डे पर हर तबके के लोगों ने अपने-अपने तरीके से अपने प्रेम का इजहार किया है।
प्यार करने वालों के लिए ‘वैलेंटाइन डे’ ठीक वैसा ही त्योहार है जैसे कि हम अपने आराध्य के लिए धूमधाम से साल में एक दिन करते हैं। भगवान गणेश के लिए गणपति बप्पा मोरया करते हैं तो आदिशक्ति दुर्गा के लिए दशहरा मनाते हैं। प्रेम करने वालों के लिए भी वैसा ही एक त्योहार है, एक दिन है जहां हम अपने प्यार करने वालों को अपने दिल की बात कहते हैं। उसके लिए पूरा एक दिन समय देते हैं।
साल में एक बार ऐसा अवसर आता है जब हर कोई सोचता है कि हम किसे चाहते-मानते है और कौन हमें मानता और चाहता है। ... इसे चाहे आप इजहार-ए -मोहब्बत कहें या फिर जुनून-ए-इश्क। ढाई आखर का प्रेम कभी भी किसी से हो सकता है।
वैलेंटाइन डे का विरोध करने वाले भी ऐसा नहीं है कि किसी से प्यार नहीं करते हैं। वह भी प्यार करते हैं मगर सभ्य होकर। पार्क और रेस्टोरेंट में बैठकर गलबहियां और चुम्मा-चाटी नहीं करते। हमें लगता है कि वैलेंटाइन डे के विरोधी वह भी नहीं है। वह विरोधी हैं तो प्यार और उसके इजहार के तरीके से जिसे भौड़ा प्रदर्शन कहा जा सकता है। भौड़ा प्रदर्शन को बढ़ावा बाजार ने दिया है। मुनाफाखोरों को जहां मुनाफा देखते हैं, वहीं नंगा नाच करते हैं और कराते भी है।
2 comments:
मुनाफाखोरों को जहां मुनाफा देखते हैं, वहीं नंगा नाच करते हैं और कराते भी है।
-सही कहा!
"होली की ढेर सारी शुभकामनाएँ......."
प्रणव सक्सैना
amitraghat.blogspot.com
Post a Comment