Friday, April 29
उत्तरांचली होने की जरूरत नहीं
राजीव चौक से अगला स्टेशन बारखंभा रोड है। वहां पहुंचने पर सीट पर बैठे एक सहयात्री का ध्यान मेरी पुस्तक पर गया, यह तब पता चला जब मैंने उसे देखा। वह व्यक्ति मुझे और पुस्तक को राजीव चौक से ही देखे जा रहा था। मंडी हाउस स्टेशन पर पहुंचने तक उसने लेखक नाम पढ़ लिया और मुझसे पूछा, आप गढ़वाल से हो? मैंने उसे कहा, नहीं मैं बिहार से हूं। मेरे उत्तर सुनकर वह निराश हो गया, यूं कहें कि वह हताश हो गया और फिर मेरी ओर देखा ही नहीं। वह मेरे साथ नोएडा सेक्टर-15 तक आया, लेकिन बिहार का नाम सुनने के बाद एक बार भी फिर से पलट कर नहीं देखा। शायद उसे बिहार शब्द सुनना पसंद न हो! खैर मैं सेक्टर-15 पर मेट्रो से उतर गया। मन किया था, उस व्यक्ति से कहें कि उत्तराखंड के लेखक की पुस्तक को पढ़ने के लिए उत्तरांचली होने की जरूरत नहीं है। ठीक वैसे ही जैसे महात्मा गांधी मार्ग पर चलने वाले के लिए जरूरी नहीं है कि वो अहिंसावादी और सत्यवादी हों।
Thursday, April 28
JRF/NET आर्ट्स
परीक्षा की तिथि : 26 जून 2011
यूजीसी ने जेआरएफ में निगेटिव मार्किग खत्म कर दी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि तैयारी में ढील हो। परीक्षा कोई भी हो, पक्की तैयारी से ही मनमाफिक नतीजे हासिल किये जा सकते हैं
लेक्चरर बनने के लिए स्नातकोत्तर की डिग्री के साथ यूजीसी द्वारा आयोजित नेट/जेआरएफ परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। आर्ट्स विषयों के लिए जेआरएफ/नेट की अगली परीक्षा 26 जून को है। इस परीक्षा में विभिन्न विषयों से संबंधित स्नातकोत्तर छात्र शामिल होंगे। इसमें दो सत्रों में तीन प्रश्नपत्रों के माध्यम से चार सौ अंकों की लिखित परीक्षा होगी। पहले सत्र में प्रथम पत्र व द्वितीय पत्र की परीक्षा होगी।
प्रथम प्रश्नपत्र : इसमें रिजनिंग एबिलिटी, कॉम्प्रेहेंशन (संक्षिप्तीकरण) और सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यह सौ अंकों का है और इसके लिए एक घंटे 15 मिनट का समय निर्धारित है। इसमें अभ्यर्थी के लिए ऑब्जेक्टिव टाइप के 60 प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनमें किसी भी पचास प्रश्नों के उत्तर देने हैं। अगर किसी ने पचास से अधिक प्रश्नों का उत्तर दिया, तो ऐसी स्थिति में उम्मीदवार द्वारा दिए गए प्रथम पचास प्रश्नों का मूल्यांकन किया जाएगा। खास बात यह है कि निगेटिव मार्किग को खत्म कर दिया गया है। प्रथम प्रश्नपत्र के माध्यम से अभ्यर्थी की शिक्षण एवं शोध क्षमता का आकलन किया जाता है। प्रथम प्रश्नपत्र सभी अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य है।
द्वितीय प्रश्नपत्र : यह प्रश्नपत्र अभ्यर्थी के स्नातकोत्तर विषय से संबंधित है। इसमें ऑब्जेक्टिव टाइप के पचास प्रश्न पूछे जाते हैं। यह भी सौ अंकों का है।
तृतीय प्रश्नपत्र : यह प्रश्नपत्र द्वितीय प्रश्नपत्र के विषय से ही संबंधित है। इसके प्रश्न डिस्क्रिप्टिव टाइप होते हैं। ढाई घंटे की निर्धारित समयावधि में दो सौ अंकों की लिखित परीक्षा होती है। इस प्रश्नपत्र को चार हिस्सों में बांटा गया है। जून, 2010 से इस प्रश्नपत्र में बदलाव किया गया है। पहले हिस्से में दो दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रत्येक प्रश्न 20 अंकों का है और इसके लिए शब्द-सीमा पांच सौ है। इसके माध्यम से थीम को बेहतर तरीके से डिस्क्राइव करने की क्षमता को पहचानना है। दूसरे भाग में तीन लघु उत्तरीय प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रत्येक प्रश्न के लिए 15 अंक और शब्द-सीमा 300 निर्धारित है। तीनों प्रश्नपत्र मूल्यांकन और विवेचना की क्षमता को परखने के लिए है। तीसरे हिस्से में नौ अतिलघु उत्तरीय प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रत्येक के लिए दस अंक और शब्द-सीमा पचास है। इन प्रश्नों के माध्यम से समझने और उसे अपनी भाषा में व्यक्त करने की कसौटी परखी जाती है। चौथे और अंतिम भाग में ऑब्जेक्टिव टाइप के पांच प्रश्नों को शामिल किया गया है। प्रत्येक के लिए पांच अंक और शब्द-सीमा तीस रखी गई है। इसके जरिए क्रिटिकल थिंकिंग एबिलिटी और सॉलिड कंसेप्ट को पता लगाया जाता है।
मूल्यांकन
जेआरएफ और नेट के लिए सामान्य और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थी को प्रथम और द्वितीय प्रश्नपत्र में अलग-अलग 40 प्रतिशत और संयुक्त रूप से 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है जबकि एससी, एसटी और विकलांग कोटे के अभ्यर्थी के लिए प्राप्तांक में पांच प्रतिशत की छूट है। प्रथम और द्वितीय प्रश्नपत्र में अलग-अलग और संयुक्त रूप से निर्धारित अंक प्राप्त करना जरूरी है। इन दोनों प्रश्नपत्रों में निर्धारित अंक प्राप्त करने के बाद ही तृतीय प्रश्नपत्र का मूल्यांकन किया जाता है। हालांकि मेरिट लिस्ट में प्रथम प्रश्नपत्र के प्राप्तांक को नहीं जोड़ा नहीं जाता।
रणनीति
किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से तैयारी जरूरी है। यूजीसी नेट/जेआरएफ के लिए सबसे पहले संबंधित विषयों के सिलेबस और पूछे गए प्रश्नों के ट्रेंड को अच्छी तरह से समझना चाहिए। पहले प्रश्नपत्र की तैयारी के लिए इससे संबंधित गाइड, समाचारपत्रों, समसामयिक पत्रिकाओं आदि की मदद ली जा सकती है। सामान्यत: पहले प्रश्नपत्र पर लोग कम ध्यान देते हैं। उसका कारण मेरिट लिस्ट में इसका प्राप्तांक का न जुड़ना है। यह रणनीति घातक है। इस पर ध्यान ना देने पर, अगर निर्धारित प्राप्तांक नहीं आया तो ॥! विषय से जुड़े प्रश्न की तैयारी कितनी भी अच्छी क्यों न हो, किसी काम का नहीं रह जाता। द्वितीय और तृतीय प्रश्नपत्र स्नातकोत्तर विषय से संबंधित होते हैं। इसकी तैयारी के लिए प्रामाणिक पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। पिछले दस वर्षो के प्रश्नपत्रों के माध्यम से भी यह अनुमान लगाया जा सकता है कि किस क्षेत्र से ज्यादातर प्रश्नों को पूछा जाता है। संबंधित विषयों की तैयारी के लिए जरूरी है कि महत्वपूर्ण तथ्यों को नोट करें, संक्षिप्त नोट तैयार करें और उसे बार-बार याद करने की कोशिश करें।
दीपक राजा