Tuesday, October 21

एक चेहरा

एक चेहरा
चुभ जाए
मेरी आंखों में
और मैं
सूरदास बन जाऊँ

तलाश जिंदगी की
जो बदहवाश हो
राधा की तरह
और मैं
कृष्ण न बन पाऊं।

1 comment:

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया.