Thursday, August 25

देश के नागरिकों से एक आग्रह

जनलोकपाल विधेयक को लेकर देश अभी अन्नामय है। अन्ना के समर्थन में देश के कोने-कोने में धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। हजारों लोग दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना के साथ अनशन में शरीक भी हैं। लोगों को लगता है कि अन्ना के अनशन से समाज आैर देश का भला होने वाला है। धीरे-धीरे अन्ना की मुहिम के समर्थकों का कारवां बढ़ रहा है।

फिर भी बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो अन्ना के मुहिम में शामिल होना तो चाहते हैं लेकिन कुछ-न-कुछ ऐसी मजबूरी सामने आ जाती है जो उन्हें अन्ना के साथ खड़ा होने नहीं दे रही है या वह अन्ना की मुहिम में अपना योगदान नहीं कर पा रहे हैं। वैसे लोगों की संख्या हजारों, लाखों नहीं करोड़ों में है। इसमें हम आैर आप भी हैं।

हम आैर आप अन्ना की मुहिम का समर्थन 'यथा शक्ति यथा भक्ति" के मुताबिक भी कर सकते हैं, वह भी बिना दिनचर्या को बिगाड़े। न ज्यादा समय का खर्च आैर न ही ज्यादा आर्थिक नुकसान। अन्ना के मुहिम को बल देने के लिए आपका पचास पैसा बहुत बड़ा योगदान दे सकता है।

पचास पैसा हर कोई खर्च कर सकता है, चाहे जैसी भी परिस्थिति हो। आपको सिर्फ डाकघर तक जाना है। आप जहां भी रहते हैं, या जहां भी हैं, उससे जो भी डाकघर पास पड़ता वहां जाएं पोस्टकार्ड खरीदें आैर प्रधानमंत्री को पत्र लिखें।
फिर देर किस बात की है। डाकघर पहंुचिए आैर पत्र लिख डालिए प्रधानमंत्री के नाम ...।

प्रधानमंत्री के नाम लिखे पत्र में क्या लिखना है, यह आपके स्वविवेक पर निर्भर करता है। आप चाहें तो आम नागरिक होने के नाते सरल शब्दों में अन्ना के सशक्त जनलोकपाल बिल के समर्थन में पत्र लिख सकते हैं या फिर आप आस-पास गैर कानूनी तरीके से होने वाले कार्य निष्पादन के बारे में भी पत्र में लिख सकते हैं।

प्रधानमंत्री के नाम पोस्टकार्ड लिखिए, अन्ना की मुहिम को बल देने के लिए। आपका यह छोटा सा अंशदान आैर श्रमदान देश के भविष्य, सुरक्षा, संरक्षा आैर सवद्र्धन के लिए बहुत जरूरी है। इससे आपकी दिनचर्या पर बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन आपको एक सुखद अहसास जरूर होगा कि आपने भी अन्ना की मुहिम को आगे बढ़ाने में योगदान दिया। वह भले ही श्रीराम सेतु निर्माण में तल्लीन गिलहरी के योगदान जैसा क्यों न हो।

देश के प्रधानमंत्री का पता है-

प्रधानमंत्री कार्यालय
साउथ ब्लॉक, रायसिना हिल
नई दिल्ली-110001



निवेदक- दीपक राजा
अन्ना मुहिम का समर्थक

Monday, August 22

अदद एक नेत्र विशेषज्ञ की, वीरभद्र सिंह के लिए

उम्र बढ़ने के साथ-साथ ऐसा होता है, आदमी ऊंचा सुनने लगता है। दिखाई कम देने लगता है। वीरभद्र सिंह के साथ भी कोई नई बात नहीं हो रही है। इस बात को जो समझ लेते हैं, वह नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लेते हैं। उनकी सलाह पर फिर चश्मा या कांटेक्ट लैंस लगाते हैं।

हालांकि उम्रदराज लोग इस बात के लिए तब तक राजी नहीं होते कि उनकी नजरें कमजोर हो गई, या सुनने की क्षमता क्षीण हो रही है, जब तक कि नुकसान न हो जाए। केंद्रीय लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री वीरभद्र सिंह भी कुछ ऐसे ही हैं। जन्माष्टमी के मौके पर बांके बिहारीजी का दर्शन करने गए मथुरा। वहां उन्होंने अन्ना के आंदोलन और उनके समर्थकों की टोली को भीड़ की संज्ञा दे दी। उन्होंने यहां तक कह दिया कि भीड़ तो मदारी भी जुटा लेता है।

अन्ना के समर्थकों का समूह और मदारी के भीड़ में अंतर नहीं कर पाने में केंद्रीय मंत्री का दोष नहीं है। एक तो उम्र का तकाजा है। दूसरा उनका फैमिली डॉक्टर लापरवाह हो गया है। मंत्री महोदय की नजरें कमजोर हो गई और उसने ध्यान नहीं दिया। नजरें कमजोर होगी तो अंतर आदमी कहां कर पाता है। दुर्योधन की मौत के बाद धृतराष्ट्र भीम और के पुतले में अंतर कहां कर पाये थे। एक तो मंत्री महोदय उमरदराज हैं और उनकी पार्टी और अधिक उम्रदराज।
पार्टी तो इतनी उम्रदराज है कि पार्टी लगभग अंधी हो गई। उसे दिखाई भी नहीं दे रहा है कि रास्ता आखिर है तो है किधर। चारों और दिख रहा है अन्ना अन्ना ...

Tuesday, August 9

सटीक निर्णय देने का दायित्व


यदि आप राजस्थान की सामाजिक विविधताओं को समझते हैं और विवाद को तार्कि क और सटीक मत के जरिए सुलझाने में रुचि रखते हैं तो आपके लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) मौका दे रही है सिविल जज (जूनियर) बनने का। एक सौ एक रिक्त पदों के लिए इच्छुक उम्मीदवार आरपीएससी की वेबसाइट पर 25 अगस्त, 2011 तक ऑनलाइन आवेदनकर सकते हैं

अर्हताएं: उम्मीदवार के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विविद्यालय से अधिवक्ता अधिनियम 1961 के तहत मान्य एलएलबी की डिग्री होनी चाहिए। साथ ही उम्मीदवार को राजस्थानी भाषा, लीपि और परिवेश की समझ होनी चाहिए। आवेदन करने वाले की उम्र पहली जनवरी, 2012 को कम से कम 23 साल लेकिन 35 साल से अधिक न हो। आरक्षण और उम्र सीमा में छूट का लाभ सरकारी प्रावधानों के अनुसार दी जाएगी।

चयन प्रक्रिया: चयन प्रक्रिया तीन स्तरीय प्रतियोगिता के माध्यम से होगी- प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। साक्षात्कार में सफल होने पर उम्मीदवार को राजस्थान न्यायिक सेवा के तहत (न्यायिक) डय़ूटी दी जाएगी।

पहला चरण : प्रारंभिक परीक्षा इसमें बहुवैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएंगे। मुख्य परीक्षा के दो प्रश्न पत्र लॉ- प्रथम और लॉ-द्वितीय से संबंधित होंगे। प्रारंभिक परीक्षा में इन दोनों प्रश्नपत्रों से 70 फीसद प्रश्न होंगे। शेष 30 फीसद प्रश्न हिंदी और अंग्रेजी भाषा संबंधी प्रश्न होंगे। इसमें प्राप्त अंकों के आधार पर कैटेगरी वाइज मेधावी सूची बनाई जाएगी। रिक्त पदों की कुल संख्या का पन्द्रह गुणो उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए चयन किया जाएगा। सफल उम्मीदवारों को दोबारा फार्म भरने होंगे, जो आरपीएससी से मुफ्त मिलेंगे।

दूसरा चरण : मुख्य परीक्षा मुख्य परीक्षा में चार प्रश्नपत्र होंगे। इसमें दो प्रश्नपत्र सौ-सौ अंकों के लॉ संबंधी हों गे। तीसरा प्रश्नपत्र हिंदी निबंध पचास अंकों का और चौथा प्रश्नपत्र अंग्रेजी निबंध का होगा। सभी के प्रश्न सब्जेक्टिव/ नरेटिव टाइप होंगे।

पहला प्रश्नपत्र लॉ प्रथम : इसमें भारतीय संविधान, सिविल प्रोसिजर कोड, लॉ ऑफ कांट्रेक्ट एंड पार्टनरशिप, लॉ ऑफ टोर्ट एंड एसेसमेंट, लॉ ऑफ मोटर एक्सीडेंट क्लेम, लॉ ऑफ अरबिट्रेशन, रेंट कंट्रोल लॉ, राजस्थान का रेवन्यू लॉ, लॉ ऑफ स्पेसिफिक लॉ, हिंदू लॉ, मुस्लिम लॉ, लॉ ऑफ ट्रांसफर प्रॉपर्टी, लॉ ऑफ लिमिटेशन, लॉ ऑफ लोक अदालत और स्थायी लोक अदालत, घरेलू हिंसा संबं धी नियम आदि संबंधी प्रश्न पूछे जाएंगे।

दूसरा प्रश्न पत्र सिविल लॉ सेकेंड : इसके तहत क्रिमिनल प्रोसिजर कोड, लॉ ऑफ एविडेंस कोड, आईपीसी, लॉ ऑफ नारकोटिक ड्रग, एससी/एसटी संबंधी प्रोटेक्शन क्रिमिनल लॉ, बाल अपराध नियम, चेक डिसऑनर संबंधी नियम, बिजली चोरी संबंधी नियम, साइबर क्राइम, सामान्य अपराध और जजों के आदेश संबंधी प्रश्न हों गे। दोनों प्रश्नपत्रों के सिलेबस की प्रैक्टिकल जानकारी उम्मीवारों को होनी चाहिए।

तीसरा प्रश्न हिंदी निबंध : इसके अंतर्गत हिंदी लेखन क्षमता और व्याकरण संबंधी प्रश्न होंगे।

चौथा प्रश्न पत्र अंग्रेजी (निबंध/लेख) : इस प्रश्नपत्र में अंग्रेजी लेखन, अनुवाद हिंदी से अंग्रेजी और अंग्रेजी से हिंदी, ग्रामर को परखा जाएगा। मुख्य परीक्षा के सभी प्रश्नपत्रों की परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है। पहले और दूसरे प्रश्नपत्रों में न्यूनतम 35 फीसद अंक लाना अनिवार्य है। सभी प्रश्नपत्रों के पूर्णाक 300 का 40 फीसद यानी 120 अंक और उससे अधिक प्राप्तांक लाने वाले उम्मीदवारों की मेधावी सूची कैटेगरी वाइज बनाई जाएगी। एसटी/एससी उम्मीदवारों के लिए प्राप्तांक में पांच फीसद की छूट दी गई है। मेधावी सूची के आधार पर रिक्त पदों की कुल संख्या के तीन गुणो उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा।

तीसरा चरण : इंटरव्यू इंटरव्यू के बाद कैटेगरी वाइज मेधावी सूची बनाई जाएगी और रिक्त पदों की संख्या के अनुसार मेधावी उम्मीदवारों का चयन कर लिया जाएगा।

Sunday, August 7

ड्रीम

ड्रीम
अगर हो
क्रीम
तो जीवन में
जरूर मिलेगा
चाहे कोई
कितना भी
राहों में
बिछाए कांटे
कांटे भी फूल बनकर
उभर आयेंगें और
दे जायेंगे सब कुछ.

"सपना सफलता की राह खोजने को मजबूर करता है."

Wednesday, August 3

आवाज़ बुलंद कर हजारे


मगरूर नहीं हैं हम, अपनी ताकत से.
मार डाले नहीं मुझे, अपनी शरारत से..

ताउम्र बीत गई, चक्कर काटते-काटते.
न्याय मिलेगा जरूर, अपनी अदालत से..

मुव्वकिल की जर, जमीन और बिकी जोरू भी.
वकीलों ने बनाई इमारतें, अपनी वकालत से..

उकता गए हैं हम, हे भ्रष्ट प्रहरियों.
सब्र की सीमा है, अपनी शराफत से..

रस्ते के पत्थर ही नहीं, हटेंगे पर्वत भी.
आवाज़ बुलंद कर हजारे, अपनी बगावत से..

कौन आया कायनात में, रहने को सदा.
दिखा दो संसार को, अपनी अदावत से..