काले धन पर मोदी का मास्टर स्ट्रोक
500 और 1000 के सभी पुराने नोट को चलन
से बाहर करने का प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक फैसला लिय़ा। पीएम का मास्टर स्ट्रोक
वाले इस फैसले ने एक साथ काले
धन रखने वालों, भ्रष्ट्र
आचरण करने वालों, रिश्वत
लेने और देने वालों, जाली
नोट का संचालन करने वालों को पंगु बना दिया। इसके अलावा कैश में कारोबार करने वाले
बड़े व्यापारी वर्ग जिनके अघोषित आय हैं, उन्हें अफसोस करने को छोड़ दिया है। चुनाव में जिस तरह से पैसे का
काला खेल चलता रहा है। अब उसमें सुधार आएगा और लोकतंत्र मजबूत होगा।
अकेले
दिल्ली के छोटे से क्षेत्र चांदनी चौक में अलग-अलग चीजों को लेकर अलग बाजार है
जहां अरबों का कारोबार नकदी में होता है। इसका शायद ही कहीं कोई रिकार्ड नहीं होता
है। चाहे सोने-चांदी का बाजार कूचा महाजनी हो या बिजली और दवा का बाजार भागीरथ
पैलेस, सूखे मेवे और मसाले का बाजार खारी वाबली हो या
घड़ी और साईकिल का बाजार लाजपत राय मार्केट, कार्डों और कागजों का
बाजार चावड़ी बाजार या नई सड़क, किताबों का बाजार
दरियागंज हो या सदर बाजार। इसके
अलावा भी करोलबाग, सरोजनी नगर, तिलक नगर, नेहरू
प्लेस, लक्ष्मी नगर, शहादरा का तैलीवाड़ा, गांधी
नगर आदि। तमाम बाजारों में नकदी में ही कारोबार होता है। जिसका कोई रिकार्ड नहीं
होता है।
दिल्ली
के अलावा लुधियाना, सूरत
हो, गया हो, पटना, बैंगलुरू जैसे तमाम शहरों
में भी नकदी का कारोबार होता है। सब्जी
मंडियों से लेकर अनाज मंडियों तक में कारोबार ज्यादातर नकदी में होता है। गली
मोहल्ले में दुकानों से लेकर फेरी लगाने वाले तमाम छोटे-मंझोले दुकानदारों का कारोबार भी नकदी होता
रहा है। जो अब रिकार्डेड माध्यमों से कारोबार करेंगे। सभी लोग आनलाइन कारोबार
करेंगे। लेन-देन बैंकों के माध्यम से होगा। इसका सीधा लाभ सरकार को कर वृद्धि के
रूप में होगी जो लौटकर जनता के पास ही आना है। आमदनी बढ़ने पर सरकार और एकाउंटेबल
होकर देश की जनता के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कल्याणकारी काम कर सकेगी।
किसानों को उपज का वाजिब रकम मिलेगा। किचन तक सब्जी, फल, दूध और अनाज सही दाम में पहुंचेगा।
कुछ लोगों
को लगता है कि अचानक लिए इस फैसले से आम लोगों को दिक्क्त होगी। निश्चित रूप से आम
लोगों को एक-दो दिन की दिक्क्त होगी। उन्हें बैंक खुलने और एटीएम के संचालन होने
तक का इंतजार करना पड़ सकता है। लेकिन हाय तौबा जैसी स्थिति नहीं होने वाली है। प्रधानमंत्री
मोदी के इस फैसले पर जो लोग हाय तौबा मचा रहे हैं। ऐसे लोगों में ज्यादातर के पास
अघोषित रकम होगी। वो जनसामान्य के बहाने ऐसे लोग अपने लिए सरकार से मोहलत मांगने
की कोशिश में हैं ताकि अपने काले धन को ठिकाने लगा सकें।
अंत
में, एक बात जो लोग घर में, अपने जीवन में, आर्थिक फैसले में महिलाओं
को शामिल करते रहे हैं। उन्हें आय की रकम नियमित रूप से अपने महिला परिजन बोले तो
पत्नी, बहन और
मां को देते रहे हैं। 500 और 1000 के नोट के चलन में बाहर करने के दौर में उनका
सहयोग बहुत ही सार्थक रहने वाला है। एक तो अप्रत्याशित रूप से, आपको पता लगता है कि अरे
घर में इतना पैसा मुझसे छिपा कर,
बचाकर रखा गया,
आड़े वक्त के लिए। हो सकता है उन महिलाओं के पास ज्यादातर रकम छोटे
नोटों का हो।