वर्तमान समय में भूवैज्ञानिकों की काफी मांग है। पृथ्वी के भीतर की
संरचनाओं में उथल-पुथल, इसकी जलवायु में हो रहे परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिग
के साथ पिघल रहे ग्लेशियर और समुद्र के जीवन की बेहतर समझ वाले लोग
महत्वपूर्ण हो गए हैं क्योंकि उनके अनुमान और रिजल्ट के आधार पर ही आगे की
प्लानिंग की जाती है। अब तो उनकी भूमिका सौरमंडल के अन्य ग्रहों पर भी
दिखने लगी है। यही कारण है कि इस फील्ड में करियर की असीम संभावनाएं सामने आ
रही हैं
खनिज बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन हैं। भारतीय भूिवज्ञान सव्रेक्षण विभाग का काम है राष्ट्र के हित में खनिजों का सावधानीपूर्वक प्रबंधन करना। राष्ट्रहित को सवरेपरि रखते हुए खनिज अनुसंधान, राष्ट्रीय आपदा अनुमान, अंतरराष्ट्रीय आपदा अनुमान, क्षमता और विकास आदि के क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग करना इसका काम है। भूवैज्ञानिक पृथ्वी की जलवायु में हो रहे परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिग के कारण पिघल रहे ग्लेशियर से लेकर समुद्री जीवन की समझ रखते हैं। केंद्रीय खनन मंत्रालय के अधीनस्थ भारतीय भू-विज्ञान सव्रेक्षण विभाग दुनिया के सबसे पुराने संगठनों में से एक है। इस विभाग में भू-विज्ञानी के ग्रुप ‘ए‘ और ग्रुप ‘बी’ के पदों की भर्ती की जा रही है। यो ग्यता जो भी अभ्यर्थी इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं, उनके पास भू-वैज्ञानिक विज्ञान, भू-विज्ञान, भू अन्वेषण, इंजीनियरी भू-विज्ञान, समुद्री भू-विज्ञान, पेट्रोलियम भू-विज्ञान, भू-रसायन, पृथ्वी विज्ञान और संसाधन प्रबंधन या सागर विज्ञान और तटीय क्षेत्र अध्ययन विषयों में से किसी एक विषय में मास्टर डिग्री होनी चाहिए। मास्टर डिग्री का तात्पर्य, तीन वर्षीय स्नातक के बाद स्नातकोत्तर डिग्री या डिप्लोमा से है, जो दो वर्षो की अवधि का हो।
चयन
चयन प्रक्रिया दो चरणों में होगी, लिखित परीक्षा और साक्षात्कार। लिखित परीक्षा के तहत चार प्रश्न पत्र होंगे। सभी प्रश्न पत्रों को हल करने के लिए तीन-तीने घं टे निर्धारित किये गए हैं। पहला प्रश्न पत्र सामान्य अंग्रेजी का है जो सौ अंकों का रहेगा। अन्य तीनों प्रश्न पत्र भू-विज्ञान से होंगे और तीनों प्रश्न पत्रों के अंक दो-दो सौ होंगे। पहले प्रश्न पत्र में अंग्रेजी में एक लघु निबंध लिखना होगा। इसमें पूछे गए अन्य प्रश्नों का उद्देश्य उम्मीदवार के अंग्रेजी समझने की क्षमता तथा सटीक शब्दों के इस्तेमाल का आकलन करना है। दूसरे प्रश्नपत्र में भू आकृति विज्ञान,
सुदूर संवेदन, संरचना, स्ट्रेटोग्राफी, जीवाश्म विज्ञान से संबंधित, तीसरे प्रश्नपत्र में इंडियन मिनरल डिपॉजिट और मिनरल इकोनॉमी, अयस्क मिनरल, एक्सप्लोरेशन जिओलॉजी ऑफ फ्यूल, इंजीनियरी भू-विज्ञान आदि पाठों से
संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। सभी विषयों की परीक्षा पूर्णत: निबंधात्मक होगी। सभी प्रश्नपत्र अंग्रेजी में होंगे। व्यक्तित्व परीक्षण के लिए दो सौ अंकों का साक्षात्कार है जो सक्षम और निष्पक्ष प्रेक्षकों के बोर्ड द्वारा लिया जाएगा। साक्षात्कार बोर्ड के पास पहले से ही उम्मीदवार का पूरा डाटा होगा। साक्षात्कार के दौरान नेतृत्व, बौद्धिक जिज्ञासा, मानसिक और शारीरिक शक्ति, अन्य सामाजिक गुण, व्यावहारिक क्षमताओं का आकलन किया जाता है। अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें : www.upsconline.nic.in
आवेदन इस विभाग में भू-विज्ञानी ग्रुप-क के 300 पद और सहायक भूिवज्ञानी ग्रुप-ख के 67 पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इसके लिए इच्छुक आवेदक संघ लोक सेवा आयोग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन मोड से आवेदन कर सकते हैं।
खनिज बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन हैं। भारतीय भूिवज्ञान सव्रेक्षण विभाग का काम है राष्ट्र के हित में खनिजों का सावधानीपूर्वक प्रबंधन करना। राष्ट्रहित को सवरेपरि रखते हुए खनिज अनुसंधान, राष्ट्रीय आपदा अनुमान, अंतरराष्ट्रीय आपदा अनुमान, क्षमता और विकास आदि के क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग करना इसका काम है। भूवैज्ञानिक पृथ्वी की जलवायु में हो रहे परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिग के कारण पिघल रहे ग्लेशियर से लेकर समुद्री जीवन की समझ रखते हैं। केंद्रीय खनन मंत्रालय के अधीनस्थ भारतीय भू-विज्ञान सव्रेक्षण विभाग दुनिया के सबसे पुराने संगठनों में से एक है। इस विभाग में भू-विज्ञानी के ग्रुप ‘ए‘ और ग्रुप ‘बी’ के पदों की भर्ती की जा रही है। यो ग्यता जो भी अभ्यर्थी इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं, उनके पास भू-वैज्ञानिक विज्ञान, भू-विज्ञान, भू अन्वेषण, इंजीनियरी भू-विज्ञान, समुद्री भू-विज्ञान, पेट्रोलियम भू-विज्ञान, भू-रसायन, पृथ्वी विज्ञान और संसाधन प्रबंधन या सागर विज्ञान और तटीय क्षेत्र अध्ययन विषयों में से किसी एक विषय में मास्टर डिग्री होनी चाहिए। मास्टर डिग्री का तात्पर्य, तीन वर्षीय स्नातक के बाद स्नातकोत्तर डिग्री या डिप्लोमा से है, जो दो वर्षो की अवधि का हो।
चयन
चयन प्रक्रिया दो चरणों में होगी, लिखित परीक्षा और साक्षात्कार। लिखित परीक्षा के तहत चार प्रश्न पत्र होंगे। सभी प्रश्न पत्रों को हल करने के लिए तीन-तीने घं टे निर्धारित किये गए हैं। पहला प्रश्न पत्र सामान्य अंग्रेजी का है जो सौ अंकों का रहेगा। अन्य तीनों प्रश्न पत्र भू-विज्ञान से होंगे और तीनों प्रश्न पत्रों के अंक दो-दो सौ होंगे। पहले प्रश्न पत्र में अंग्रेजी में एक लघु निबंध लिखना होगा। इसमें पूछे गए अन्य प्रश्नों का उद्देश्य उम्मीदवार के अंग्रेजी समझने की क्षमता तथा सटीक शब्दों के इस्तेमाल का आकलन करना है। दूसरे प्रश्नपत्र में भू आकृति विज्ञान,
सुदूर संवेदन, संरचना, स्ट्रेटोग्राफी, जीवाश्म विज्ञान से संबंधित, तीसरे प्रश्नपत्र में इंडियन मिनरल डिपॉजिट और मिनरल इकोनॉमी, अयस्क मिनरल, एक्सप्लोरेशन जिओलॉजी ऑफ फ्यूल, इंजीनियरी भू-विज्ञान आदि पाठों से
संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। सभी विषयों की परीक्षा पूर्णत: निबंधात्मक होगी। सभी प्रश्नपत्र अंग्रेजी में होंगे। व्यक्तित्व परीक्षण के लिए दो सौ अंकों का साक्षात्कार है जो सक्षम और निष्पक्ष प्रेक्षकों के बोर्ड द्वारा लिया जाएगा। साक्षात्कार बोर्ड के पास पहले से ही उम्मीदवार का पूरा डाटा होगा। साक्षात्कार के दौरान नेतृत्व, बौद्धिक जिज्ञासा, मानसिक और शारीरिक शक्ति, अन्य सामाजिक गुण, व्यावहारिक क्षमताओं का आकलन किया जाता है। अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें : www.upsconline.nic.in
आवेदन इस विभाग में भू-विज्ञानी ग्रुप-क के 300 पद और सहायक भूिवज्ञानी ग्रुप-ख के 67 पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इसके लिए इच्छुक आवेदक संघ लोक सेवा आयोग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन मोड से आवेदन कर सकते हैं।