रिकॉर्ड प्रबंधन और रिप्रोग्राफी में जॉब
ऐतिहासिक अभिलेखों के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार का प्रतिष्ठित संग्रहालय है- राष्ट्रीय अभिलेखागार। यहां आजादी से पूर्व और बाद के सभी अमूल्य अभिलेख सहेजे गये हैं। यहां नौकरियों के अवसर मिलते रहते हैं। इसके लिए आज कोर्स भी संचालित किये जाते हैं
राष्ट्रीय अभिलेखागार की स्थापना मार्च 1891 में कोलकाता में हुई। देश की राजधानी दिल्ली बनाये जाने के बाद दिल्ली के लुटियंस जोन में जहां राजपथ और जनपथ का मिलन होता है, वहां इसका मुख्यालय बनाया गया। देश के पुरातत्व और राष्ट्रीय अभिले ख की रक्षा करने की जिम्मेदारी इस संस्थान की है। 1941 से यहां अभिलेखों को सुरक्षित और संरक्षित करने का प्रशिक्षण दिया जाने लगा। संस्थान के रूप में राष्ट्रीय अभिलेखागार 1976 से विकसित किया गया। 1980 में इसका नाम रखा गया- अभिलेखीय अध्ययन का शिक्षालय (स्कूल ऑफ आर्काइवल स्टडीज)। अभिलेख के संरक्षण और पुस्तकालय को बेहतर बनाने की मांग को देखते हुए अभिलेखागार अभिलेखाध्यक्षों, रिकॉ र्ड प्रबं धकों, अभिलेख संरक्षित करने वालों, माइक्रो- फोटो ग्राफिक्स आदि को सैद्धांतिक और प्रायोगिक तरीके से प्रशिक्षण देता है। प्रशिक्षण के दौरान सेमिनार, वर्कशॉप आदि आयोजित किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त, अग्रणी संस्थानों और विविद्यालयों के प्रतिष्ठित अभिलेखाध्यक्षों और रिकॉर्ड प्रबंधकों आदि के व्याख्यान भी प्रशिक्षण के दौरान सुनने को मिलते हैं। अभिलेखीय अध्ययन शिक्षालय में अभिलेख एवं रिकार्ड प्रबंधन में एकवर्षीय डिप्लोमा संचालित किया जाता है। यह प्रोफेशनल स्तर का प्रशिक्षण है। इसके अलावा, इस संस्थान में अभिलेख प्रबंधन- पुस्तक, पांडुलिपि और अभिलेख संरक्षण और उनकी देखभाल, रिकॉर्ड प्रबंधन, रेप्रोग्राफी तथा रिकॉर्ड के संरक्षण और मरम्मत आदि पर शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्तमान में, अभिलेखीय अध्ययन शिक्षालय ने रिकॉर्ड प्रबंधन में 75वां शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स और रेप्रोग्राफी में 66वां शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स के लिए आवेदन मांगे हैं।
पाठय़क्रम
रिकॉर्ड प्रबंधन में 75वीं शॉर्ट टर्म कोर्स का प्रशिक्षण तीन से 28 सितम्बर 2012 तक दिया जाएगा। इस कोर्स का उद्देश्य आवेदक के रिकॉर्ड को सही तरीके से रखना, उसे व्यवस्थित करना आदि है। इस प्रशिक्षण को पाने के लिए आवेदक को किसी भी मान्यता प्राप्त विविद्यालय से स्नातक उत्तीर्ण होना जरूरी है। संस्था द्वारा प्रायोजित आवेदक की उम्र सीमा पचास साल है जबकि स्वत: आवेदन करने वाले की अधिकतम उम्र तीस साल होनी चाहिए। उम्र में छूट सरकार के नियमानुसार दी जायेगी। रेप्रोग्राफी में 66वां शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स का प्रशिक्षण 10 से 19 सितम्बर 2012 तक दिया जाएगा। इसका उद्देश्य प्रशिक्षु को अभिलेख, लघु फिल्म, पांडुलिपि औ र संग्रहीत सूचना आदि के पुनरुत्पादन- प्रक्रिया, संचालन, पुनरुद्धार और प्रसार-संबंधी प्रशिक्षण देना है। प्रशिक्षण के लिए आवेदक को मान्यता प्राप्त विविद्यालय से द्वितीय श्रेणी में स्नातक उत्तीर्ण होना चाहिए। विज्ञान की पढ़ाई करने वाले आवेदकों को वरीयता दी जायेगी।
आवेदन
दोनों शॉर्ट टर्म में आवेदन करने के लिए पहले पंजीयन कराना होता है। पंजीयन कराने के लिए आवेदक को आवेदन के साथ शैक्षिक योग्यता प्रमाणपत्र की प्रमाणित फोटोकॉपी के अलावा प्रशासनिक अधिकारी, राष्ट्रीय अभिलेखागार के नाम से एक सौ रुपए का ड्राफ्ट या रेखांकित किया हुआ इंडियन पोस्टल ऑर्डर महानिदेशक (अभिलेख), राष्ट्रीय अभिलेखागार, जनपथ, नई दिल्ली-110 001 भेजना अनिवार्य है।
फीस
रिकॉर्ड प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण शुल्क दो सौ रुपए हैं जबकि रेप्रोग्राफी के लिए तीन सौ रुपए दाखिले के समय देना होगा। एक बार भुगतान हो जाने के बाद शुल्क वापस नहीं होगा।
छात्रावास और भोजन
संस्थान प्रशिक्षण के दौरान छात्रावास और भोजन की व्यवस्था नहीं कराता। इसे अपने पास से करना होता है।
दाखिले की अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें। संपर्क समय सुबह साढ़े नौ से शाम छह बजे तक है। महानिदेशक (अभिलेख) राष्ट्रीय अभिलेखागार जनपथ, नई दिल्ली-110 001 दूरभाष:011-23388557
ऐतिहासिक अभिलेखों के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार का प्रतिष्ठित संग्रहालय है- राष्ट्रीय अभिलेखागार। यहां आजादी से पूर्व और बाद के सभी अमूल्य अभिलेख सहेजे गये हैं। यहां नौकरियों के अवसर मिलते रहते हैं। इसके लिए आज कोर्स भी संचालित किये जाते हैं
राष्ट्रीय अभिलेखागार की स्थापना मार्च 1891 में कोलकाता में हुई। देश की राजधानी दिल्ली बनाये जाने के बाद दिल्ली के लुटियंस जोन में जहां राजपथ और जनपथ का मिलन होता है, वहां इसका मुख्यालय बनाया गया। देश के पुरातत्व और राष्ट्रीय अभिले ख की रक्षा करने की जिम्मेदारी इस संस्थान की है। 1941 से यहां अभिलेखों को सुरक्षित और संरक्षित करने का प्रशिक्षण दिया जाने लगा। संस्थान के रूप में राष्ट्रीय अभिलेखागार 1976 से विकसित किया गया। 1980 में इसका नाम रखा गया- अभिलेखीय अध्ययन का शिक्षालय (स्कूल ऑफ आर्काइवल स्टडीज)। अभिलेख के संरक्षण और पुस्तकालय को बेहतर बनाने की मांग को देखते हुए अभिलेखागार अभिलेखाध्यक्षों, रिकॉ र्ड प्रबं धकों, अभिलेख संरक्षित करने वालों, माइक्रो- फोटो ग्राफिक्स आदि को सैद्धांतिक और प्रायोगिक तरीके से प्रशिक्षण देता है। प्रशिक्षण के दौरान सेमिनार, वर्कशॉप आदि आयोजित किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त, अग्रणी संस्थानों और विविद्यालयों के प्रतिष्ठित अभिलेखाध्यक्षों और रिकॉर्ड प्रबंधकों आदि के व्याख्यान भी प्रशिक्षण के दौरान सुनने को मिलते हैं। अभिलेखीय अध्ययन शिक्षालय में अभिलेख एवं रिकार्ड प्रबंधन में एकवर्षीय डिप्लोमा संचालित किया जाता है। यह प्रोफेशनल स्तर का प्रशिक्षण है। इसके अलावा, इस संस्थान में अभिलेख प्रबंधन- पुस्तक, पांडुलिपि और अभिलेख संरक्षण और उनकी देखभाल, रिकॉर्ड प्रबंधन, रेप्रोग्राफी तथा रिकॉर्ड के संरक्षण और मरम्मत आदि पर शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्तमान में, अभिलेखीय अध्ययन शिक्षालय ने रिकॉर्ड प्रबंधन में 75वां शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स और रेप्रोग्राफी में 66वां शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स के लिए आवेदन मांगे हैं।
पाठय़क्रम
रिकॉर्ड प्रबंधन में 75वीं शॉर्ट टर्म कोर्स का प्रशिक्षण तीन से 28 सितम्बर 2012 तक दिया जाएगा। इस कोर्स का उद्देश्य आवेदक के रिकॉर्ड को सही तरीके से रखना, उसे व्यवस्थित करना आदि है। इस प्रशिक्षण को पाने के लिए आवेदक को किसी भी मान्यता प्राप्त विविद्यालय से स्नातक उत्तीर्ण होना जरूरी है। संस्था द्वारा प्रायोजित आवेदक की उम्र सीमा पचास साल है जबकि स्वत: आवेदन करने वाले की अधिकतम उम्र तीस साल होनी चाहिए। उम्र में छूट सरकार के नियमानुसार दी जायेगी। रेप्रोग्राफी में 66वां शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स का प्रशिक्षण 10 से 19 सितम्बर 2012 तक दिया जाएगा। इसका उद्देश्य प्रशिक्षु को अभिलेख, लघु फिल्म, पांडुलिपि औ र संग्रहीत सूचना आदि के पुनरुत्पादन- प्रक्रिया, संचालन, पुनरुद्धार और प्रसार-संबंधी प्रशिक्षण देना है। प्रशिक्षण के लिए आवेदक को मान्यता प्राप्त विविद्यालय से द्वितीय श्रेणी में स्नातक उत्तीर्ण होना चाहिए। विज्ञान की पढ़ाई करने वाले आवेदकों को वरीयता दी जायेगी।
आवेदन
दोनों शॉर्ट टर्म में आवेदन करने के लिए पहले पंजीयन कराना होता है। पंजीयन कराने के लिए आवेदक को आवेदन के साथ शैक्षिक योग्यता प्रमाणपत्र की प्रमाणित फोटोकॉपी के अलावा प्रशासनिक अधिकारी, राष्ट्रीय अभिलेखागार के नाम से एक सौ रुपए का ड्राफ्ट या रेखांकित किया हुआ इंडियन पोस्टल ऑर्डर महानिदेशक (अभिलेख), राष्ट्रीय अभिलेखागार, जनपथ, नई दिल्ली-110 001 भेजना अनिवार्य है।
फीस
रिकॉर्ड प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण शुल्क दो सौ रुपए हैं जबकि रेप्रोग्राफी के लिए तीन सौ रुपए दाखिले के समय देना होगा। एक बार भुगतान हो जाने के बाद शुल्क वापस नहीं होगा।
छात्रावास और भोजन
संस्थान प्रशिक्षण के दौरान छात्रावास और भोजन की व्यवस्था नहीं कराता। इसे अपने पास से करना होता है।
दाखिले की अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें। संपर्क समय सुबह साढ़े नौ से शाम छह बजे तक है। महानिदेशक (अभिलेख) राष्ट्रीय अभिलेखागार जनपथ, नई दिल्ली-110 001 दूरभाष:011-23388557
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