Sunday, October 28

साइबर एर्क्‍सपट्स की बढ़ती मांग

अगर विज्ञान वरदान है तो अभिशाप भी है। एक ओर इंटरनेट ने घर बैठे पूरे विश्व को कम्प्यू टर स्क्रीन पर ला दिया है तो वहीं इंटरनेट से पनपे साइबर क्राइम के विभिन्न रूपों से हमें सामना भी करना पड़ रहा है। आजकल अकसर हमें वेबसाइट हैकिंग, ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग, साइबर बुलिंग, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, पोर्नोग्राफी जैसी समस्याओं से ही नहीं, साइबर आतंकवाद से भी जूझना पड़ रहा है। ऐसे में, साइबर सिक्योरिटी से जुड़े प्रोफेशनल्स की जरूरत काफी बढ़ गई है
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2011 में जहां साइबर हमलों की संख्या 13,500 के करीब थी, वहीं इस साल सितम्बर तक यह संख्या 20,000 है। माना जा रहा है कि साइबर अपराध से निपटने के लिए देश को पांच लाख पेशेवर चाहिए। यही कारण है कि साइबर अपराध के प्रति बढ़ती जागरूकता व सजगता के कारण साइबर सिक्योरिटी बेहतर करियर के साथ-साथ देश और समाज की सुरक्षा की जिम्मेदारी देता है। कार्य कंप्यूटर यूजर्स के लिए हैकिंग सबसे बड़ी परेशानी है। इसके जरिए अपराधी गोपनीय सूचनाओं को हैक कर सकता है, जैसे पार्सवड, क्रेडिट कार्ड नंबर और पिन कोड, इंटरनेट बैंकिंग पार्सवड आदि। हैकिंग से संबंधित समस्याओं को सुलझाने के लिए एथिकल हैकिंग प्रोग्राम की मदद ली जाती है। किसी साइबर क्राइम के बाद यह पता लगाना कि उससे संबंधित ई-मेल कहां से भेजा गया, किस आईपी एड्रेस का उपयोग किया गया आदि कार्य साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के ही जिम्मे होता है। इंटरनेट से संबंधित विभिन्न अपराधों को हेंडल करने के लिए साइबर लॉ का भी इस्तेमाल किया जाता है।

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