Tuesday, October 9

क्रिएटिव हैं तो आजमाएं फैशन डिजाइनिंग

design फैशन डिजाइनरों की मांग आज सिर्फ पेरिस और लंदन में ही नहीं है बल्कि अब तो इसके एक्सपर्ट छोटे शहरों में भी छाये हुए हैं। इससे संबंधित कोर्स करने के बाद इसकी व्यापकता का पता चलता है और फिर आप जान पाते हैं कि वर्तमान में किस तरह के फैशन का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है


आये दिन बाजार में फैशन के नये डिजाइन, नए तरीके का कलर कंबिनेशन देखने को मिलता है। इस कारण फैशन डिजाइन का क्रेज दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। हमेशा कुछ न कुछ नया करने की ख्वाहिश रखने वाले विद्यार्थियों के लिए यह करियर का बेहतर आप्शन है। यहां हमेशा नया करने का मौका भी है और इसके माध्यम से खुद को स्थापित करने का अवसर भी। फैशन डिजाइनिंग में रुचि रखने वालों को राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) के कोर्स नई राह दिखाते हैं।

राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) डिजाइन शिक्षा, व्यावहारिक शोध, प्रशिक्षण, डिजाइन परामर्शी सेवाएं के अलावा कई क्षेत्रों में अपनी अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है। वर्ष 1961 में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन इस स्वायत्त संस्थान की स्थापना की गई। एनआईडी में ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्रोग्राम इन डिजाइन (जीडीपीडी) और पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्रोग्राम इन डिजाइन (पीजीडीपीडी) पाठय़क्रमों के लिए वर्ष 2013-14 के लिए आवेदन मांगे हैं। ग्रेजुएट कोर्स के लिए बारहवीं पास और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए बैचलर की डिग्री जरूरी है। अनुभवी अभ्यर्थी को प्राथमिकता दी जाती है। अभ्यर्थी के पास विजुअल परसेप्शन एबिलिटी, ड्राइंग स्किल, लॉजिकल रीजनिंग, क्रिएटीविटी और कम्युनिकेशन स्किल्स का होना जरूरी है।

चयन 
एनआईडी द्वारा संचालित पाठय़क्रमों में दाखिला लेने के लिए इच्छुक छात्रों को संस्थान द्वारा आयो जित डिजाइन एप्टीटय़ूड टेस्ट (डीएटी) की परीक्षा पास करनी होगी। यह परीक्षा दो चरणों में होगी। पहले चरण में लिखित परीक्षा है। इसमें 100 अंक के प्रश्न पत्र होंगे। लिखित परीक्षा में एनिमेशन, एबस्ट्रैक्ट सिम्बोलिज्म, कम्पोजिशन, मेमोरी ड्रॉइंग, थीमेटिक कलर अरेंजमेंट, विजुअल डिजाइन के अलावा विजुअल परसेप्शन एबिलिटी, ड्राइंग स्किल, लॉजिकल रीजनिंग, क्रिएटिव एंड कम्युनिकेशन स्किल, फंडामेंटल डिजाइन के अलावा डिजाइन से संबंधित प्रॉब्लम सॉ ल्विंग कैपेसिटी आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य उम्मीदवारों की योग्यता, नवीनता और धारणाओं का मूल्यांकन करना है। लिखित परीक्षा के आधार पर परीक्षार्थियों को शॉर्ट लिस्टेड किया जाएगा। इसके आधार पर योग्य अभ्यर्थी को स्टूडियो टेस्ट और साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। स्टूडियो टेस्ट के माध्यम से अभ्यर्थी की क्रिएटिविटी और फैशन के प्रति लगाव, डिजाइनिंग के प्रति सोच, नए आइडिया, कल्पनाशक्ति और कुछ अलग हटकर सोचने की क्षमता को परखा जाता है। परीक्षा से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए एनआईडी कैम्पस से संपर्क कर सकते हैं या फिर वेबसाइट पर लॉग ऑन कर सकते हैं।

तैयारी 
इसकी तैयारी अन्य परीक्षाओं से काफी अलग है। इसमें विद्यार्थियों को रट्टा लगाने से सफलता नहीं मिल सकती है। इसमें कामयाब होने के लिए मौलिकता की सख्त दरकार होती है। अभ्यर्थियों का डिजाइनिंग के प्रति रुझान, उसके प्रति उनकी समझ, विचारों व समस्या को सुलझाने की क्षमता को परखी जाती है। ऐसे में बेहतर करने के लिए जरूरी है कि आप जो भी बनाएं, उसे इलेस्ट्रेशन एवं शब्दों के माध्यम से समझाने की भी क्षमता रखें। डीएटी और स्टूडियो टेस्ट के जरिये अभ्यर्थी की ऑब्जर्वेशन पावर, डिजाइन करने की काबिलियत और कुछ नया तैयार करने की क्षमताओं को परखा जाता है। ऐसे में आप जो भी डिजाइन और चित्र बनाएं, उसके रंगों के कंबिनेशन पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। स्टूडियो टेस्ट में अभ्यर्थी को एक सवाल और उससे संबंधित कुछ सामान उपलब्ध कराया जाता है, जिसके जरिये अभ्यर्थी को उस सवाल के आधार पर सामान तैयार करना होता है। टेस्ट के तुरंत बाद एक्सपर्ट पैनल उसे देखता है और मार्किंग करता है। स्टूडियो टेस्ट देते समय घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि दाखिले के लिए जो एबिलिटी चाहिए, वह काफी हद तक लिखित परीक्षा में ही परख कर ली जाती है। कम्युनिकेशन और विजुअलाइजे शन एक-दूसरे के पूरक हैं। कम्युनिकेशन ऐसा होना चाहिए कि जैसे शब्द दृश्य का कार्य करें और दृश्य शब्दों के पूरक हों। इसमें संवाद, स्लोगन और कॉपी राइटिंग महत्वपूर्ण है। आपमें सृजनात्मक सोच, कुछ नया करने का हुनर, ताजातरीन घटनाओं की जानकारी, बेहतर प्लानिंग और लीक से हटकर काम करने का जुनून हो। इस तरह के गुण इसलिए जरूरी हैं क्योंकि ये लोग वस्तुओं व उत्पादों की डिजाइन तय करते हैं। अगर आपके पास मौलिक सोच है और अपनी सोच को डिजाइन के माध्यम से कहने में सफल होते हैं, तो सफलता के चांस बढ़ते हैं। डिजाइन के क्षेत्र में यदि देश-विदेश में कुछ नया हो रहा है, तो आपको इस तरह की खबर पर पैनी निगाह रखनी चाहिए। यह न केवल परीक्षा के लिहाज से जरूरी है बल्कि एक डिजाइनर की हैसियत से भी जरूरी है।

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