भविष्य को करें डिजाइन आज की लाइफस्टाइल में कपड़ों से लेकर फुटवियर
तक में लोग मैचिंग चाहते हैं। बाजार में रोज नए-नए डिजाइन के उत्पाद आ रहे
हैं। यह नयापन कभी कलर तो कभी डिजाइन में दिखता है। इस कारण डिजाइनिंग का
क्रेज दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। प्रोफेशनल्स जूलरी डिजाइन, ग्राफिक
डिजाइनिंग, सिरैमिक एंड ग्लास डिजाइनिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग, फैशन
डिजाइनिंग तथा ऑ टोमोबाइल डिजाइनिंग के क्षेत्र में नया लुक देते हैं।कॉमन इंट्रेंस एक्जामिनेशन फॉर डिजाइन-2012
अगर आप प्रोफेशन डिजाइनर बनना चाहते हैं, तो कई बेहतरीन मौके इंतजार कर रहे हैं। ऐसा ही मौका लेकर आया है, कॉमन इंट्रेंस एग्जामिनेशन फॉर डिजाइन यानी सीईईडी। इसकी परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के स्कोर के मुताबिक इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ साइंस, बेंगलुरू से लेकर आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर, आईआईटी मुंबई, आईआईटी गुवाहाटी जैसे संस्थानों में प्रोडक्ट डिजाइन एंड इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल डिजाइन, विजुअल कम्युनिकेशन, एनिमेशन, इलेस्ट्रेशन डिजाइन, डिजाइन में मास्टर डिग्री पाठय़क्रम के लिए दाखिला लिया जा सकता है। कई संस्थान इसी परीक्षा के स्कोर के आधार पर डिजाइन पाठय़क्रमों में पीएचडी करने का भी मौका देते हैं।
योग्यता
कॉमन इंट्रेंस एक्जामिनेशन फॉर डिजाइन अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। इसके लिए अभ्यर्थी की शैक्षिक योग्यता इंजीनियरिंग/आर्किटेक्चर/ डिजाइन/इंटीरियर डिजाइन में चार वर्षीय स्नातक, चार वर्षीय प्रोफेशनल डिप्लोमा इन डिजाइन (एनआईडी/सीईपीटी) या इसके समकक्ष, चार वर्षीय बैचलर इन फाइन आर्ट्स या फिर आर्ट्स/साइंस/कंप्यूटर एप्लिकेशन में मास्टर डिग्री होना जरूरी है। इसके लिए उम्र की कोई सीमा निर्धारित नहीं है।
परीक्षा केंद्र
बेंगलुरू, चेन्नई, कानपुर, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, गुवाहाटी
चयन प्रक्रिया
यह परीक्षा तीन घंटे की होगी। प्रश्नपत्र दो भागों में होगा। पहला भाग स्क्रीनिंग टेस्ट है जबकि दूसरा भाग स्कोरिंग है। प्रश्नपत्र की भाषा अंग्रेजी होगी। पहले भाग के प्रश्नों का उत्तर ऑनलाइन जबकि दूसरा पेपर ऑफलाइन होगा। परीक्षार्थी को दोनों भागों के सभी प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है। पहले चरण में विजुअल परसेप्शन एबिलिटी, ड्राइंग स्किल, लॉजिकल रीजनिंग, क्रिएटिव एंड कम्युनिकेशन स्किल, फंडामेंटल डिजाइन, डिजाइन से संबंधित प्रॉब्लम सॉल्विंग कैपेसिटी आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। जनरल एबिलिटी में इंग्लिश कॉम्प्रिहेंशन, एनालिटिकल एबिलिटी, कम्युनिकेशन एबिलिटी के साथ विज्ञान और गणित के सवाल पूछे जाते हैं। करेंट अफेयर्स में देश-विदेश की ताजा खबरों के अलावा, प्रसिद्ध हस्तियों और साल भर की मुख्य घटनाओं से जुड़े हुए प्रश्नों को पूछा जा सकता है। दूसरे चरण में अभ्यर्थी की क्रिएटिविटी और फैशन के प्रति लगाव की परख के लिए सिचुएशन टेस्ट लिया जाता है। इस टेस्ट के माध्यम से स्टूडेंट्स की डिजाइनिंग के प्रति सोच, नए आइडिया, कल्पनाशक्ति और अलग हटकर सोचने और डिजाइन करने के लिए प्रेरित किया जाता है। प्रश्नपत्र के दूसरे भाग की कॉपी केवल उन्हीं परीक्षार्थियों की जांची जाएगी, जो पहले भाग में न्यूनतम कट ऑफ मार्क्स लाएंगे। प्रश्नपत्र के दूसरे भाग की कॉपी जांचने के बाद, इसी भाग के प्राप्तांकों के आधार पर मेरिट लिस्ट और उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की सूची बनाई जाएगी।
कैसे करें तैयारी
इसकी तैयारी अन्य परीक्षाओं से काफी अलग है। इसमें विद्यार्थियों को रट्टा लगाने से सफलता नहीं मिल सकती है। इसमें कामयाब होने के लिए मौलिकता की सख्त दरकार होती है। अभ्यर्थियों का डिजाइनिंग के प्रति रुझान, उसके प्रति उनकी समझ, विचारों व समस्या को सु लझाने की क्षमता को परखा जाता है। ऐसे में बेहतर करने के लिए जरूरी है कि आप जो भी बनाएं, उसे इलेस्ट्रेशन एवं शब्दों के माध्यम से समझाने की भी क्षमता रखें। सामान्य ज्ञान, सामान्य अध्ययन, अंग्रेजी, तर्क क्षमता आदि की अच्छी समझ भी जरूरी है। तस्वीरें बहुत कुछ कहती हैं। यह मानवीय क्रियाओं जैसे बैठना, खेलना, हंसना, रोना, खाना आदि का भी प्रदर्शन करती हैं। एग्जाम के लिए मानवीय क्रियाओं की विभिन्न मुद्राओं को बनाने का अभ्यास अवश्य करें। कम्युनिकेशन और विजुअलाइजेशन एक-दूसरे के पूरक हैं। कम्युनिकेशन ऐसा होना चाहिए कि जैसे शब्द दृश्य का कार्य करें और दृश्य शब्दों के पूरक हों। इसमें संवाद, स्लोगन और कॉपी राइटिंग महत्वपूर्ण है। आपमें सृजनात्मक सोच, कुछ नया करने का हुनर, ताजातरीन घटनाओं की जानकारी, बेहतर प्लानिंग और लीक से हटकर काम करने का जुनून हो। इस तरह के गुण इसलिए जरूरी हैं क्योंकि ये लोग वस्तुओं व उत्पादों की डिजाइन तय करते हैं। अगर आपके पास मौलिक सोच है और अपनी सोच को डिजाइन के माध्यम से कहने में सफल होते हैं, तो सफलता के चांस बढ़ जाते हैं। बेहतर होगा कि आप परीक्षा में अपनी नई सोच को खुले मन से तवज्जो दें , क्यों कि यदि आपने 30 फीसद भी रचनात्मक कार्य किया है, तो माना जाता है कि आपमें डिजाइनिंग कौशल है।





