पृथ्वी की कु ल भूमि क्षेत्र का 30 फीसद हिस्सा वनों से आच्छादित है
लेकिन शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण पेड़ों की लगातार कटाई जारी है।
ऐसे में, पर्यावरण की रक्षा के लिए वनों के प्रबंधन पर राष्ट्रीय और
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान दिया जाने लगा है। यही कारण है कि वन प्रबंधन
करियर के विकल्प के तौर पर सामने आ रहा है
पर्यावरण को बचाने की होड़, कॉरपोरेट क्षेत्र में पर्यावरण के प्रति बढ़ता रुझान और फॉरेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए फॉरेस्ट मैनेजमेंट कोर्स मददगार साबित हो सकता है। वनों की देखभाल के साथ-साथ उनका प्रबंधन काफी मायने भी रखता है। फॉरेस्ट मैनेजमेंट के लिए भोपाल स्थित देश का एकमात्र भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (आईआईएफएम) बेहतर विकल्प हो सकता है। चूंकि आज के दौर में सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर वन प्रबंधन की ओर काफी ध्यान दिया जाने लगा है , इस कारण वर्तमान में यहां के छात्रों की मांग देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों, बैंक, क्लाइमेट चेंज के लिए काम करने वाले संस्थान और एनजीओ हैं। भारतीय वन प्रबंधन संस्थान में तीन कोर्स संचालित किये जाते हैं- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फॉरेस्ट्री मैनेजमेंट (पीजीडीएफएम), फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (एफपीएम) और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में एमफिल। वर्तमान समय में पीजीडीएफएम में नामांकन के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इस कोर्स में कुल 93 सीटें हैं।
योग्यता
पीजीडीएफएम पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स है। इसके लिए कम से कम स्नातक या मान्यता प्राप्त संस्थानों से इसके समकक्ष पाठ्यक्रम में उत्तीर्ण होना जरूरी है, वह भी 50 फीसद अंक के साथ। स्नातक के अंतिम वर्ष के छात्र भी इस पाठय़क्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं लेकिन उन्हें 30 जून 2013 से पहले स्नातक उत्तीर्ण होने का प्रमाणपत्र आईआईएफएम के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।
शर्त
इस संस्थान में एडमिशन भारतीय प्रबंधन संस्थानों द्वारा आयोजित कॉमन एप्टीटय़ूट टेस्ट (कैट) में प्राप्त अंकों के आधार पर होगा। इसलिए छात्रों को आवेदन करते समय सीएटी के स्कोर को बताना होगा।
प्लेसमेंट
यहां के विद्यार्थियों के लिए कैम्पस प्लेसमेंट की व्यवस्था है। छात्रों के प्लेसमेंट की प्रतिशतता सौ फीसद है। बीते वर्ष में इस संस्थान के छात्रों को औसतन सात लाख रुपए सालाना का पैकेज मिला है। यहां कंपनियां, पेपर इंडस्ट्री, बैंक में माइक्रो फाइनेंस के लिए, क्लाइमेट चेंज और ग्रास रूट लेवल काम करने वाले एनजीओ आदि कैंपस के लिए आते हैं।
चयन
नामांकन की पूरी प्रक्रिया दो चरणों में है। पहला चरण आवेदन की प्रक्रिया है जबकि दूसरा चरण ग्रुप डिस्कशन या साक्षात्कार है। पहले चरण में भारतीय प्रबंधन सं स्थानों (आई आईएम) द्वारा आयोजित कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) की परीक्षा में प्राप्त स्कोर के आधार पर आईआईएफएम शॉर्टिलस्टिंग की जाती है, हालांकि आईआईएफएम के नामांकन प्रक्रिया या पाठय़क्रम के दौरान आई आई एम की कोई भूमिका नहीं है। पीजीडीएफएम करने के इच्छुक उम्मीदवार को आवेदन फार्म के साथ सीएटी का रजिस्ट्रेशन नंबर और स्कोर बताना होता है। इसके लिए सीएटी के वाउचर रसीद की फोटो कॉफी आवेदन पत्र के साथ संलग्न की जाती है। दूसरे चरण में प्राप्त आवेदनों में सीएटी के स्कोर के आधार पर उम्मीदवारों की शॉर्टिलस्टिंग की जाती है। इसके आधार पर उम्मीदवार को ग्रुप डिस्कशन या साक्षात्कार के लिए फरवरी या मार्च 2013 में भोपाल बुलाया जाएगा। अधिक जानकारी आईआईएफएम की वेवबाइट पर जाकर ली जा सकती है या फिर पर संपर्क कर सकते हैं।
पर्यावरण को बचाने की होड़, कॉरपोरेट क्षेत्र में पर्यावरण के प्रति बढ़ता रुझान और फॉरेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए फॉरेस्ट मैनेजमेंट कोर्स मददगार साबित हो सकता है। वनों की देखभाल के साथ-साथ उनका प्रबंधन काफी मायने भी रखता है। फॉरेस्ट मैनेजमेंट के लिए भोपाल स्थित देश का एकमात्र भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (आईआईएफएम) बेहतर विकल्प हो सकता है। चूंकि आज के दौर में सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर वन प्रबंधन की ओर काफी ध्यान दिया जाने लगा है , इस कारण वर्तमान में यहां के छात्रों की मांग देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों, बैंक, क्लाइमेट चेंज के लिए काम करने वाले संस्थान और एनजीओ हैं। भारतीय वन प्रबंधन संस्थान में तीन कोर्स संचालित किये जाते हैं- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फॉरेस्ट्री मैनेजमेंट (पीजीडीएफएम), फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (एफपीएम) और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में एमफिल। वर्तमान समय में पीजीडीएफएम में नामांकन के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इस कोर्स में कुल 93 सीटें हैं।
योग्यता
पीजीडीएफएम पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स है। इसके लिए कम से कम स्नातक या मान्यता प्राप्त संस्थानों से इसके समकक्ष पाठ्यक्रम में उत्तीर्ण होना जरूरी है, वह भी 50 फीसद अंक के साथ। स्नातक के अंतिम वर्ष के छात्र भी इस पाठय़क्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं लेकिन उन्हें 30 जून 2013 से पहले स्नातक उत्तीर्ण होने का प्रमाणपत्र आईआईएफएम के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।
शर्त
इस संस्थान में एडमिशन भारतीय प्रबंधन संस्थानों द्वारा आयोजित कॉमन एप्टीटय़ूट टेस्ट (कैट) में प्राप्त अंकों के आधार पर होगा। इसलिए छात्रों को आवेदन करते समय सीएटी के स्कोर को बताना होगा।
प्लेसमेंट
यहां के विद्यार्थियों के लिए कैम्पस प्लेसमेंट की व्यवस्था है। छात्रों के प्लेसमेंट की प्रतिशतता सौ फीसद है। बीते वर्ष में इस संस्थान के छात्रों को औसतन सात लाख रुपए सालाना का पैकेज मिला है। यहां कंपनियां, पेपर इंडस्ट्री, बैंक में माइक्रो फाइनेंस के लिए, क्लाइमेट चेंज और ग्रास रूट लेवल काम करने वाले एनजीओ आदि कैंपस के लिए आते हैं।
चयन
नामांकन की पूरी प्रक्रिया दो चरणों में है। पहला चरण आवेदन की प्रक्रिया है जबकि दूसरा चरण ग्रुप डिस्कशन या साक्षात्कार है। पहले चरण में भारतीय प्रबंधन सं स्थानों (आई आईएम) द्वारा आयोजित कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) की परीक्षा में प्राप्त स्कोर के आधार पर आईआईएफएम शॉर्टिलस्टिंग की जाती है, हालांकि आईआईएफएम के नामांकन प्रक्रिया या पाठय़क्रम के दौरान आई आई एम की कोई भूमिका नहीं है। पीजीडीएफएम करने के इच्छुक उम्मीदवार को आवेदन फार्म के साथ सीएटी का रजिस्ट्रेशन नंबर और स्कोर बताना होता है। इसके लिए सीएटी के वाउचर रसीद की फोटो कॉफी आवेदन पत्र के साथ संलग्न की जाती है। दूसरे चरण में प्राप्त आवेदनों में सीएटी के स्कोर के आधार पर उम्मीदवारों की शॉर्टिलस्टिंग की जाती है। इसके आधार पर उम्मीदवार को ग्रुप डिस्कशन या साक्षात्कार के लिए फरवरी या मार्च 2013 में भोपाल बुलाया जाएगा। अधिक जानकारी आईआईएफएम की वेवबाइट पर जाकर ली जा सकती है या फिर पर संपर्क कर सकते हैं।